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रुकमणी विवाह में उमड़े श्रद्धालु, पखारे पांव

ग्राम पड़रियाकला के विहारीजी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा

पन्नाApr 14, 2019 / 01:27 pm

Shashikant mishra

रुकमणी विवाह में उमड़े श्रद्धालु, पखारे पांव

रुकमणी विवाह में उमड़े श्रद्धालु, पखारे पांव

पवई. क्षेत्र के ग्राम पडरियाकलां स्थित विहारीजी मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद् गवत कथा में कथा व्यास पंडित अवधनारायण दास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण और रुकमणी विवाह की कथा का वर्णन किया। इस अवसर पर सजाई गई विवाह की झांकी लोगों के लिये आकषर्ण का केंद्र रही। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान के पांव पखारे और खुशहाली व संपन्नता का वर मांगा।
कथा में कथा व्यास पंडित अवधनारायण दास महाराज ने कहा, रुकमणी ने श्रीकृष्ण को मन ही मन अपना स्वामी मान लिया था। इसी कारण से उन्होंने परिवार के लोगों द्वारा दिए गए विवाह के प्रस्तावों को ठुकरा दिया था और अंतिम समय सहायता के लिये श्रीकृष्ण को पुकारा। भगवान की कथा के दौरान ही विवाह की झांकी को भी आकर्षक रूप से सजाया गया था। एक ओर जहां पंडाल भगवान के जयकारों से गूंज रहा था वहीं दूसरी ओर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण और रुकमणि के पांच पखार रहे थे। इसके दूसरे दिन शनिवार को सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया गया।

निरंकाल मंदिर में भी चल रही कथा
सलेहा. चैत्र नवरात्रि पर मां निरंकार देवी मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजिन हो रही है । यहां बृजेश जी महाराज गौ सेवक संस्थान मगरोन सागर श्रीराम कथा पर प्रवचन कर रहे हैं। महाराजश्री ने कहा, भगवान राम को वन भेजने का धेय समाज में जन जागरण तथा सृष्टि में व्याप्त बुराइयों को नाश करना था। राम की महिमा को सृष्टि में व्याप्त करने के उद्देश्य के लिए भगवान श्रीराम को वन जाने का मार्ग प्रशस्त किया । भरत रचित्र को भी उन्होंने विस्तार पूर्वक सुनाया। कथा सुनने क्षेत्र के श्रद्धालु भक्तगण पहुंच रहे हैं। कथा का समापन रविवार को भंडारे के साथ होगा । कार्यक्रम में अधिकाधिक लोगों से शामिल होने की अपील की गई है।

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