गहरीकरण 31 मई से गांव के लोग पानी के लिए परेशान थे और किसानों की लगातार 2 साल से फसलें भी सूख रही थीं। पृथ्वी ट्रस्ट के यूसुफ बेग के नेतृत्व में सूखा को मात देने के लिए रणनीति तैयार की गई। जिसके तहत गांव के सूखे तालाब के गहरीकरण की योजना पर काम शुरू किया गया।
गहरीकरण का काम 31 मई से शुरू हुआ। हर परिवार से 1 व्यक्ति तालाब के गहरीकरण में शामिल होता है। सुबह 6 बजे से 9 बजे तक काम चलता है। श्रमदान कर रहे किसान करण सिंह ने बताया, फसलें पानी की कमी से सूख जाती हैं।
मजदूरी की तलाश में पलायन इस कारण गांव के लोग मजदूरी की तलाश में पलायन कर जाते हैं। गांव में ज्यादातर आदिवासी परिवार हैं। ज्यादातर परिवारों में 1 या 2 व्यक्ति सिलिकोसिस और टीवी से पीडि़त है। परिवार का सही भरण पोषण नहीं होने से इनके बच्चों में टीवी या कुपोषण ज्यादा होता है।
पृथ्वी ट्रस्ट के डायरेक्टर युसूफ बेग ने बताया, सामुदायिक सहयोग से पानी का काम 10 गांवों में चल रहा है। इसमें रविकांत पाठक, छत्रसाल पटेल, राम विसाल आदिवासी, अब्दुल जमील सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।