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रेल और रोजगार का इंतजार, कुपोषण का दंश कैसे मिटेगा कोई नहीं बताता

रेल और रोजगार का इंतजार, कुपोषण का दंश कैसे मिटेगा कोई नहीं बताता

पन्नाNov 16, 2018 / 01:00 am

Bajrangi rathore

 Rail and employment

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पन्ना (पवई)। रेल को तरसते इस विधानसभा क्षेत्र पवई की सुबह की रफ्तार तेज है। सुबह के करीब 8 बजे हैं और सूरज की किरणें तेज होने के साथ ही धूप का अहसास होने लगा है। बसों की आवाजाही हो रही है, पर इन खटारा बसों के हॉर्न हमारी चुनावी चर्चा में खलल डाल रही है।
प्रदेश में जब से मध्यप्रदेश सड़क परिवहन की बसें बंद हुई हैं, तभी से लोग ऐसी ही बसों में सफर को मोहताज है। रेल न होने से कोई और तरीका है नहीं इसलिए मजबूरी में इसी सफर का आनंद लेते हैं। इधर चाय की चुस्की लेते हुए कस्बे के अधिवक्ता बृजेश बताते हैं कि पांच साल में क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया।
अस्पताल में लोगों को प्राथमिक इलाज ही मिल पाता है, बस इसे मरीजों को रेफर करने का केंद्र बनाकर रख दिया है। कोई करे भी क्या, डॉक्टर भी नहीं हैं। इलाज के लिए महिला डॉक्टर तो कल्पना जैसा है। यहीं खड़े उनके साथी बोल पड़ते हैं कि विधायक रहते ही मुकेश नायक ने अस्पताल को शव वाहन की घोषणा की थी, पर वे फिर मैदान में हैं, पर अब तक यह सुविधा नहीं मिल पाई। आए दिन मानवता को शर्मसार होना पड़ता है।
कल्दा की ओर भी कभी नजरें इनायत हों

दोपहर करीब 1 बजे हम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास पहुंचे तो कल्दा क्षेत्र के छोटेलाल पाठक मिले। वे बोले कि कल्दा में प्रकृति ने अकूत सौगात दी। पठार पर बसे कल्दा में वनोपज, दुर्लभ औषधियों का खजाना छुपा है। इसके बाद भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। स्कूलोंं में शिक्षक नहीं पहुंचते हैं। क्षेत्र अभी भी बिजली, पानी और सड़कों की समस्या से जूझ रहा है।
सरकार ने तीर्थ यात्रा करा दी हम खुश हैं

मिनौलीगंज के अजीज खान बताते हैं कि विस क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की हालत बदहाल है। मॉडल स्कूल वर्षों से अधूरा पड़ा है। कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में एक परिसर में पांच स्कूल हैं। प्रार्थना के समय बच्चों को खड़े होने की जगह भी नहीं है। सलेहा तिराहा, नन्हीं पवई से आरण्य भवन तक सड़क का चौड़ीकरण जरूरत है।
सब्जी मंडी व्यवस्थित न होने से मुख्य मार्ग के किनारे दुकान व्यवधान पैदा करती है। यहां मिली वृद्धा शांति बाई ने कहा कि जो कुछ भी हो सरकार ने हमें एक बार तीर्थ यात्रा करा दी। दो तीन महीने से बिजली का बिल भी दो सौ रुपए ही आ रहा है। फिर हम कलेही मंदिर पहुंचे तो सागर जा रहे कार सवार से बात हुई, उन्होंने कहा कि पवई में पर्यटन की कई संभावना है, पता नहीं क्यों हनुमान भाटा, कलेही मंदिर और नांदचांद को मिलाकर पर्यटन सर्किट बनाकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देते।
जनता के बीच रहे प्रतिद्वंद्वी

2013 के चुनाव में भाजपा की ओर से बृजेंद्र प्रताप सिंह मैदान में थे, वहीं कांग्रेस ने मुकेश नायक को मौका दिया था। नायक को करीब दस हजार वोट से जीत मिली। पर हार के बावजूद भी बृजेंद्र प्रताप क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे। नायक पर बाहरी प्रत्याशी का ठप्पा लगा रहा पर विधानसभा में उन्होंने सक्रियता दिखाई। इस बार भी कांग्रेस ने नायक पर ही भरोसा जताया, वहीं भाजपा ने बृजेंद्र को पन्ना से प्रत्याशी बना दिया। यहां अभी भाजपा में आए प्रहलाद लोदी को मौका दिया है।
शिक्षा के लिए पलायन

स्कूली शिक्षा पूरी कर चुके महेश का कहना है कि वो पहली बार वोट देंगे पर इतने वायदों से क्या हुआ पता नहीं। क्षेत्र में एक भी औद्योगिक इकाई नहीं है। रोजगार के संसाधन नहीं हैं। हमारे ज्यादातर साथी दूसरे बड़े शहरों की ओर जा रहे हैं। पर चुनाव में अभी तक रोजगार के मुद्दे पर किसी ने कोई बात नहीं की।
थोड़ा आगे बढऩे पर मिले संजय बताते हैं कि कल्दा में एक हजार से भी अधिक बच्चे कुपोषित हैं। बेरोजगारी से परिजन एक पखवाड़े तक बच्चों को एनआरसी में भी भर्ती नहीं कर पाते। ये तो सरकारी अस्पतालों में थोड़ी बहुत सुविधा मिल रही है तो गरीबों का जीवन गुजर पा रहा है।
क्या हुआ पिछले वायदों का ?

2013 विस चुनाव क्षेत्र में व्याप्त सामंतवाद, भ्रष्टाचार एवं शासन की जनविरोधी नीतियों के विरोध में चुनाव लड़ा गया। पर भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाया। स्वास्थ्य केन्द्र को 30 से 200 बेड का सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाकर क्षेत्र की जनता को देने का वायदा भी पूरा नहीं हो पाया। रेल के लिए वायदा हुआ। सतना पन्ना रेल लाइन का काम शुरू हो गया पर अब यह सपना पूरा होगा कोई उम्मीद बाकी नहीं है।
ये हैं प्रमुख मुद्दे

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, अस्पताल का उन्नयन, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ के रिक्त पदों की पूर्ति, महिला डॉक्टर की पदस्थापना। बेरोजगारी के कारण पलायन, कुपोषण, एनीमिया, मातृ एवं शिशु मृत्युदर जैसी गंभीर व जटिल समस्याएं खड़ी हो रही हैं।
पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकास करके बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सकता है। इसके साथ ही लघु, मध्यम और वृहद औद्योगिक इकाई की स्थापना जरूरी है। क्षेत्र के विकास के लिए रेल सुविधा जरूरी है। इसके लिए क्षेत्र के लोग संघर्ष भी कर रहे हैं। रेलवे लाइन को लेकर सर्वे भी हो चुके हैं।

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