नहर का पुराव एवं अतिक्रमण होने के कारण बारिश का पानी तालाबों में न पहुंचने के कारण जहां एक ओर बरसात का पानी बहकर नदी में चला जाता है। वहीं बरसाती पानी लोगों को क्षति पहुंचाता है। इन सब बातों को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर द्वारा नहर के सर्वे कराने के साथ-साथ पूरी कार्ययोजना तैयार कर शासन को स्वीकृति के लिए प्रेषित की गयी थी। अब नहर के पुनर्जीवन का कार्य प्रारंभ है।
कलेक्टर ने समय-समय पर नगर भ्रमण के दौरान नगर के विभिन्न चौराहों और मार्गों का अवलोकन किया गया। उन्होंने आज किलकिला फीडर जाने के दौरान नगर के चौराहे और मुख्य मार्ग का अवलोकन किया गया। उन्होंने मुख्य नगरपालिका अधिकारी ओपी. दुबे को निर्देश दिए कि नगर का सौन्दर्यीकरण कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि नगर के मुख्य मार्गों पर बने डिवाइडरों पर ऑयल पेंट कराने के साथ मध्य में लगे वृक्षों की कटाई का कार्य कराया जाए। नगर के प्रत्येक चौराहे एवं सड़कों के किनारे रखी अस्थाई दुकानों की वीडियो ग्राफी कराई जाए। चौराहे पर सफाई करने के साथ चौराहे को व्यवस्थित करें। सड़कों और चौराहों पर किए गए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रारंभ की जाए। लावारिस रखे हुए डिब्बों को हटाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नगर की सफाई, प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ सड़कों के किनारे/मध्य में लगे संकेतकों को ठीक कराने के साथ-साथ उनमें ऑयल पेंट कराया जाए। शहर में लगे अनावश्यक बैनर, पोस्टरों को हटाने का कार्य किया जाए।
नहर के ऊपर किए गए अतिक्रमण को लोगों से स्वयं हटाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अतिक्रमण स्वैच्छा से हटा लिया जाए। जिससे प्रशासन को कठोर कदम न उठाने पड़े। उन्होंने मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि नहर के आसपास की शासकीय भूमि का सीमांकन कार्य किया जाए। जिससे नहर में जल संग्रहण कर तालाबों को भरा जा सके। इस अवसर पर कार्यपालन यंत्री जल संसाधन बीएल दादौरिया, मुख्य नगरपालिका अधिकारी ओपी दुबे, तहसीलदार कु. दीपा चतुर्वेदी, डॉ. अंवतिका तिवारी के साथ संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।