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बिना आरटीइ निजी स्कूलों में एडमिशन, गरीब बच्चों का मारा जा रहा हक , जानिए पूरा मामला

बिना आरटीइ निजी स्कूलों में एडमिशन, गरीब बच्चों का मारा जा रहा हक , जानिए पूरा मामला

पन्नाFeb 24, 2019 / 10:54 pm

Bajrangi rathore

school admission in panna

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पन्ना। आरटीइ के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब वर्ग के बच्चों को दाखिला दिया जाता है। हर साल समय के साथ सीटें बढ़ती हैं, लेकिन प्रवेश आधे भी नहीं हुए। शासन की उलझी प्रक्रिया और लेटलतीफी की वजह से ऐसा हो रहा है। इसका फायदा निजी स्कूलों को मिल रहा है।
स्कूलों में खाली सीटों पर प्रवेश ही अधिकारी नहीं करा पा रहे हैं। पिछले वर्ष निजी स्कूलों में दाखिले की यह प्रक्रिया मई में शुरू हुई थी और अभी नए के सत्र में प्रवेश की लिए शिक्षा विभाग पड़ोस की सीमाओं के स्कूलों का मूल्यांकन ही कर रहा है। ऐसे में इस वर्ष भी देरी होगी। निजी स्कूलों में अगले सत्र के लिए एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र यहां आरटीइ के तहत प्रवेश दिलाने की बजाए स्कूलों का मूल्यांकन कराने में ही जुटा है।
नहीं मिलता है पसंद का स्कूल

नि:शुल्क प्रवेश के बाद आठवीं तक विद्यार्थियों की फीस शासन द्वारा वहन की जाती है। तीन साल से शासन लॉटरी सिस्टम से बच्चों के लिए स्कूलों का चयन करता आ रहा है। विद्यार्थी नजदीकी या मनपसंद स्कूल में एडमिशन चाहता है जो उसे नहीं मिल पाता, ऐसे में भी बच्चे आरटीइ के तहत प्रवेश नहीं लेते हैं। विद्यार्थियों को केवल पडा़ेस की सीमा के ही स्कूलों में प्रवेश मिल पाता है।
स्कूलों में अप्रैल से शुरू होती है पढ़ाई

स्कूलों में अभी परीक्षा का दौर चला रहा है। मार्च में पढ़ाई होती है और अप्रैल से क्लास लगने लगेगी। अभी यहां एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और आरटीइ के तहत विद्यार्थियों को प्रवेश लगभग जून माह तक मिल पाएगा। ऐसे में यदि जो अभिभावक आरटीइ के तहत स्कूलों में दाखिले के लिए रुकते हैं तो दो माह की पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे। शासन द्वारा देरी से शुरू हो रही प्रक्रिया का खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ेगा। यही वजह है कि हर साल ५० फीसदी सीटें खाली ही रह रही हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया से नहीं सुधरे हालात

प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भले ही दो सालों पहले शुरू हो गई है, लेकिन प्रचार-प्रसार का अभाव की वजह से भी आवेदन नहीं आते हैं। इसके लिए कोई हेल्प डेक्स भी नहीं होती है। ऑनलाइन दाखिले का सर्वर डाउन रहने की वजह से लॉटरी की तिथि बार-बार बढ़ाई जाती है, जो दाखिले की प्रक्रिया को लेट कर देता है।
सीमा के स्कूलों का हो रहा मूल्यांकन

बीआरसी द्वारा 10 फरवरी तक पड़ोस की सीमा का मूल्यांकन किया जाना था, यह कार्य अभी जिले में पूर्ण नहीं हुआ है। जिन स्कूलों में आरटीइ के तहत विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाना है 28 फरवरी तक उन्हें सीटों की संख्या लॉक करनी है। 5 मार्च तक दर्ज सीटों की संख्या को बीआरसी द्वारा चेक किया जाना है।
नियमानुसार सीटों को लॉक कर जिला परियोजना समन्वयक को फारवर्ड की जानी है। डीपीसी के लिए आरक्षित सीटों को 10 मार्च तक लॉक करना है, जो पोर्टल पर प्रर्दशित होंगी। डीपीसी विष्णु त्रिपाठी के अनुसार अभी आदेश आया है पर प्रकिया शुरू नहीं हुई है। मार्च में प्रक्रिया शुरू कर देंगे। निजी स्कूल अभी प्रवेश नहीं दे रहे हैं।

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