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एमपी गजब है ! पुल नहीं है तो भाई के कंधे पर बैठकर जाना पड़ता है स्कूल

नाले में रपटा नहीं होने से परिवार के लोगों के कंधों में बैठकर नाला पार करते हैं बच्चे, बीमारी की स्थिति में चारपाई में लिटाकर पार कराया जाता है नाला।

पन्नाAug 03, 2018 / 09:53 pm

Rudra pratap singh

Student have to cross river on brother shoulder in Panna District

Student have to cross river on brother shoulder in Panna District

पन्ना. बारिश के बाद जिले के नाले, नदिया और कच्ची सड़कें लोगों के लिऐ परेशानी बन गई हैं। कहीं नालों में रपटा नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही हैं तो कहीं पुल नहीं बनने से लोग परेशानी हैं। कहीं कच्ची नालियां लोगों के लिये परेशानी का सबब बन गई हैं। जि मेदार लोगों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। हालात यह है कि गांव के लोगों के बीमार होने की ङ्क्षस्थति में वहां तक वाहन नहीं जा पाते हैं। इससे कई लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। शिकायतों के बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दादोलपुर में अभिभावकों के कंधे पर बैठकर स्कूल जाते बच्चे
अमानगंज जनपद क्षेत्र के ग्राम ददोलपुर से विक्रमपुर जाने वाले मार्ग के बीव में पडऩे वाले नाले में किसी प्रकार का पुल नहीं बना है। इससे लोगों को इसे पैदल ही पार करना होता है। बीते दिनों की बारिशके बाद नाला में कफी पानी आ गया है। इससे अब इसे बच्चे पार नहीं कर पाते हैं। गांव में प्राइमरी तक ही स्कूल हैं।
गांव के बच्चों को मिडिल स्कूल के लिये विक्रमपुर और हाई स्कूल के लिये द्वारी जाना होता है। जिसके लिये उन्हें रपटा पार करना होता है। स्कूल जाने वाले बच्चों को अभिभावकों को कंधों और गोद में लदकर स्कूल जाना पड़ रहा है।
शुक्रवार को भी कक्षा 9वीं की छात्रा भारती को द्वारी स्कूल जाने के लिये उसे अपने भाई बब्बू के कंधे पर बैठकर पाला पार करना पड़ा। बब्बू ने बताया, गांव के सभी बच्चों को स्कूल जाने के लिये इसी प्रकार से किसी न किसी अभिभाववक य फिर गांव के लोगों का सहारा लेना पड़ता है।
इसी कारण बारिश के दिनों में गांव के स्कूल में शिक्षक नहीं आ पाते हैं। गांव के लोगों को भी नाला पार करने के लिये कपड़े उतारकर जाना पड़ता है। इससे ज्यादा पानी आने पर गांव टापू में तब्दील हो जाता है।
बारिश के दिनों में किसी के बीमार पडऩे पर गांव तक ए बूलेंस नहीं जा पतो हैं। इससे लोगों को चारपाई में लिटाकर ले जाना पड़ता है। यहां के लोग लंबे समय से नाला में रपटा बनवाने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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