इसी के असर के चलते दोपहर में जहां शहर की सड़कों पर अभी से आवाजाही कम होने लगी है वहीं दूसरी अेार दुकानों में भी दोपहर में कम ही लोग खरीदारी करने के लिये पहुंचते हैं। अधिकांश लोग शाम को पांच बजे के बाद ही घरों से बाहर निकलते हैं। गौरतलब है कि बीते करीब एक सप्ताह से गर्मी का असर शुरू हो गया है। दिन में तेज गर्मी होने अब पंखे भी जवाब देने लगे हैं। इसके कारण कूलरों की डिमांड बढ़ी है।
शहर के कूलर और बाडी बनाने एवं बेचने वालों के यहां पूछताछ करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। इससे इनकी बिक्री में भी तेजी आई है। आगामी दिनों इसमें और भी अधिक तेजी आने की उम्मीद है। गर्मी के असर से धीरे-धीरे तौलिया, गमछे, टोपी आदि की बिक्री भी बढऩे लगी है। शहर में जगह-जगह गन्ने के रस की दुकानें भी सज गई हैं। जहां लोग जूस पीने के लिये पहुंचने लगे हैं। दुकानों में लस्सी की बिक्री भी शुरू हो गई है।
बच्चों की सेहत पर पड़ सकता है विपरीत असर जिले में इन दिनों अभी तेज गर्मी का असर शुरू ही हुआ है। एकदम से मौसम में बदलाव आया है। इसके बाद भी एक अप्रेल से शैक्षणिक सत्र 2019-20 की शुरुआत की जा रही है। बच्चों के दोपहर में एकदम से भीषण गर्मी के संपर्क में आने से उनके सेहत पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। अभिभावकों को इस ओर ध्यान देना चाहिये।