एसडीएम ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए। बोले- अवैध रेत उत्खनन मामले में पुलिस थाना अजयगढ़ और पुलिस थाना हिनौता छतरपुर ने कार्रवाई में सहयोग नहीं किया। दोनों ही थानों के पुलिस अधिकारी बचते नजर आए। रेत माफिया ने इसका फायदा उठाया। मौके पर खड़े कराए गए दो दर्जन से ज्यादा वाहन भाग खड़े हुए।
4 मशीनें, 3 डंपर पुलिस चौकी पर खड़े
एसडीएम की अगुवाई में रेत का अवैध उत्खनन करने वाली आधा दर्जन मशीनों के अलावा 30 लोङ्क्षडग वाहन पकड़े गए थे। बीरा पुलिस चौकी में खड़े कराई गई चार मशीनें और तीन डंपर ही भाग नहीं भाग पाए। एसडीएम ने इन वाहनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। बाकी अन्य वाहन रास्ते में खड़े कराए गए थे, जो मौके का फायदा उठा भाग खड़े हुए।
जिम्मेदारों की दलीलें
एसडीएम कुशल ङ्क्षसह ने देर रात बीरा रेत खदान में दबिश दी। उन्होंने कार्रवाई की कोई सूचना अधिकारियों से साझा नहीं की थी। सुबह 5 बजे कॉल कर सूचना दी, तब पुलिस बल मौके पर भेजा गया। एसडीएम को पहले भी पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने पर्याप्त बल नहीं होने के बाद भी औचक दबिश दी। कलेक्ट्रेट में सभी एसडीएम की पहले से ही बैठक तय थी। किसी भी अधिकारी को एकाएक सूचना देकर नहीं बुलाया गया। केन नदी में अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।-सुरेश कुमार, कलेक्टर, पन्ना
छतरपुर के हिनौता और अजयगढ़ थाने की पुलिस ने सहयोग नहीं किया। वाहन छतरपुर के हिनौता थाना क्षेत्र में खड़ा होना बता कब्जे में लेने से इंकार कर दिया गया। इसलिए रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन में लगे वाहन भाग खड़े हुए। -कुशल सिंह, एसडीएम अजयगढ़
सीमा-क्षेत्र जैसा कोई विवाद था। अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई राजस्व अधिकारी कर रहे थे। हम सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थे। जब तक अधिकारी कार्रवाई करते रहे, पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। -बखत सिंह, थाना प्रभारी अजयगढ़