गौरतलब है कि ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना के तहत पन्ना जिले में इन दिनों पन्ना-खजुराहो और पन्ना-सतना रेल लाइन के लिए काम चल रहा है। पहले विधानसभा और फिर लोक सभा चुनाव के चलते २०१९ पूरे साल दोनों रेल खंडों में काम की रफ्तार काफी धीमी रही है। साल के अंतिम महीनों में सांसद द्वारा काम की कछुआ चाल के मामले को संसद में उठाए जाने के बाद जरूर काम में कुछ तेजी आई थी, लेकिन अब बजट खत्म हो चुका है।
एक फरवरी को आ सकता है बजट
केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट इस साल एक फरवरी को लोकसभा में पेश हो सकता है। उक्त बजट में ही परियोजना के लिए केंद्र सरकार की ओर से बजट का आवंटन किया जाएगा। रेल अधिकारियों का कहना है कि इस बजट में परियोजना के लिए प्रस्तावित होने वाली राशि ही दोनों रेल खंडों के पूरे साल काम के रफ्तार को तय करेगी। रेल अधिकारियों का कहना है कि यदि परियोजना के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की जाती है तो पूरे साल काम की रफ्तार तेज रहेगी। यह सब बजट पर परियोजना के लिए आवंटित राशि के ऊपर तय करेगा।
43 किमी. हिससे में तेजी से चल रहा काम
ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के तहत रेलवे की प्राथमिकता सतना-रेलवे जंक्शन को पर्यटन नगरी पन्ना से जोडऩे की है। इसके तहत सकरिया से पन्ना तक का करीब १०० हेक्टेयर वन भूमि रेलवे को बीते साल ही मिल गई थी। इसके अलावा रेल खंड में सतना जिले में आने वाले ४३ किमी. के क्षेत्र में रेलवे का काम काफी तेजी से चल रहा है। सतना जिले में ६-७ छोटे पुलों में बहुत ही तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा करीब ३० छोटे पुलियों में भी काम चल रहा है। इससे उम्मीद की जा रही है कि सतना के छोर से रेल पटरी बिछाने का काम भी आगामी कुछ महीनों में शुरू हो सकता है।
पन्ना-खजुराहो रेलखंड के लिए भी शीघ्र मिलेगी वन भूमि
बताया गया कि पन्ना-खजुराहो रेलखंड के लिए ३१५ हेक्टेयर वन भूमि अभी मिलना शेष है। वन विभाग द्वारा संबंधित फाइल वन मंत्रालय को भेज दी गई है। जिसको लेकर बैठकों का दौर जारी है। रेल अधिकारियों को उम्मीद है कि शीघ्र की उक्त ३१५ हेक्टेयर वन भूमि भी रेलवे को मिल जाएगी। दोनों रेल खंडों में काम हो लेकर यह साल काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है।
केन में बनेगा एक किमी. लंबा पुल
पन्ना-खजुराहो रेल लाइन में केन नदी पर उक्त परियोजना का सबसे बड़ा करीब एक किमी. लंबा पुल बनाया जाना है। जिसको लेकर टेंडर का काम प्रक्रिया में है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल ही उक्त पुल का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। बताया जाता है कि पुल के बनने का काम शुरू होने के बाद इसे पूरा करने में दो साल का समय लगने की आशंका है।
आगामी बजट में परियोजना के लिए आवंटित होने वाली राशि से ही रेल खंड ेके काम की रफ्तार तय होगी। बजट में मांग के अनुसार परियोजना के लिए राशि मिलने की उम्मीद है।
एसके रिछारिया, ईई, पश्चिम मध्य रेलवे