बैठक में उप पंजीयक एवं संयोजक जिला मूल्यांकन समिति द्वारा बताया गया कि निर्माण लागत में एकरूपता को ध्यान में रखकर 5 वर्गों में विभाजित किया गया है। इसमें मेट्रो शहर, नगरपालिका निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्रों की दरें केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा निश्चित की गयी है। जिले में नगरपालिका क्षेत्र, नगर पंचायत क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र के मूल्य निर्धारित किए गए हैं।
इनमें नगरपालिका क्षेत्र में प्रति वर्ग मीटर की दर से आरसीसी की छत 8 हजार रुपए, आरबीसी चीप गटर वाली छत 7 हजार रुपए, एस्बेस्टल अंग्रेजी टाइल्स से बनी होने पर 5 हजार रुपए, कच्चा घरेलू बांस से बनी छत 3500 रुपए। इसी प्रकार नगर पंचायत में क्रमश: 7 हजार रुपए, 6 हजार रुपए, 4 हजार रुपए एवं 3 हजार रुपए निर्धारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमश: 6 हजार रुपए, 5 हजार रुपए, 3500 रुपए एवं 3 हजार रुपए निर्धारित है।
इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में व्यवसायिक निर्माण लागत नगरपालिका क्षेत्र एवं विशिष्ट ग्रामों के लिए क्रमश: 10 हजार, 9 हजार एवं 8 हजार रुपए निर्धारित है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक निर्माण के लिए क्रमश: 8 हजार, 7 हजार एवं 6 हजार रुपए निर्धारित है। बैठक में यह भी बताया गया कि चालू वर्ष में जिले में कोई नया उद्योग स्थापित होना प्रस्तावित नहीं है जिससे दरों में अप्रत्याशित वृद्धि संभावित हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार कर जिला समिति को भेजे गए हैं।
गाइडलाइन के लिए आपत्ति या सुझाव प्रस्तुत करें कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति की बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि किसी भी तहसील से उप जिला मूल्यांकन समितियों से अचल सम्पत्तियों के मूल्य निर्धारण के लिए प्रस्ताव चाहे गए थे। सभी तहसीलों की समितियों द्वारा वर्ष 2018-19 में प्रचलित मूल्यों को यथावत प्रस्तावित किया गया।
जिला स्तरीय बैठक में प्रस्तावों को अनुमोदित कर केन्द्रीय मूल्यांकन समिति भोपाल को अनुमोदन के लिए प्रेषित किया जाना है। इन प्रस्तावित अनंतिम मूल्योंं के संबंध में आमजन एवं प्रबुद्धजन तर्कसंगत सुझाव देने के लिए जिला पंजीयक कार्यालय में उपस्थित होकर अनंतिम मूल्योंं का अवलोकन कर सकते हैं। इसके उपरांत वे अपने सुझाव 9 जून तक जिला पंजीयक कार्यालय में उपस्थित होकर दे सकते हैं।
गाइडलाइन वर्ष 2019-20 के प्रस्ताव जिला पंजीयक कार्यालय के अलावा उप पंजीयक कार्यालय पन्ना, पवई, अजयगढ़, गुनौर एवं शाहनगर में रखे गए हैं। इन्हें कोई भी व्यक्ति कार्यालय में उपस्थित होकर देख सकता है।