पवई संवाददाता रविशंकर सोनी ने बताया कि जिलेभर में धारा 144 लागू है। जिस कारण समाचार बांटने वाले लड़के डरे हुए हैं। उन्हें महामारी से ज्यादा पुलिस का डर बना हुआ है। कई जगह मारपीट की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। जबकि, समाचार पत्र जरूरी सेवा में आता है। प्रशासन को समस्या के निदान को आगे आना चाहिए।
अमानगंज के प्रमोद वर्मा बताते हैं कि उनकी एजेंसी में समाचार पत्र वितरण काम करने वाले लड़के नहीं आ रहे। इससे उन्हें भी समाचार पत्र बांटना पड़ जाता है। समाचार पत्र बांटने वालों के परिजनों ने अपने बच्चों को सामचार पत्र बांटने के लिए फिलहाल मना कर दिया है। वहीं लाकडाउन के चलते कस्बे के ज्यादातर प्रतिष्ठान बंद हैं, जिस कारण सेल ५० फीसदी ही रह गई है। कुछ लोग बाहर के थे, इसलिए गांव चले गए हंै। जो हैं संक्रमण के डर से वे भी पेपर नहीं उठाते।
रवि गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां अखबार की नियमित कापियां आ रही हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण व लॉकडाउन की वजह से पूरा शहर बंद है। लेकिन घर-घर अखबार पहुंचाने का सिलसिला जारी है। बाजर बंद हो जाने से कुछ प्रतियां जरूर कम हो गई हैं, लेकिन हौसाल वैसा ही बना हुआ है। यही वजह है कि महामारी के खतरे के बीच भी देश सेवा के इस काम में पूरी तन्मयता से जुटे हुए हैं। कुछ लड़के जरूर पीछे हट रहे थे, लेकिन उन्हें समझा दिया है।
पन्ना में एजेंसी संचालक विवेक सोनी बताते हैं कि पहले भी कई तरह की विपदाएं आई हैं। लेकिन, सामूहिक प्रयास से हर बार जीत मिली है। इस बार भी देश जीतेगा। आपदा की स्थिति में आमजन तक विश्वसनीय खबरें पहुंचान देश सेवा का काम है। इससे हम पीछे नहीं हटने वाले।