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पन्ना

जागनी रास के रस में डूबे हजारों सुंदरसाथ, देर रात प्राणनाथ के जयकारों से गूंजा पन्ना, जानें शरद पूर्णिमा का क्या है महत्व

अखंड रास के रचईया और श्रीजी की निकली सवारी

पन्नाOct 14, 2019 / 06:45 pm

Anil singh kushwah

Thousands of beautiful people immersed in the juice of Jagni Ras

Thousands of beautiful people immersed in the juice of Jagni Ras

पन्ना. देर रात श्रीजी की सवारी गुंबटजी से रासमंडल के लिए निकली तो धार्मिक नगरी पन्ना रास के रचइया के जयकारों से गूंज उठी। मौका था प्रणनाथ ट्रस्ट द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के मुख्य समारोह का। श्रीजी की सवारी के रास मंडल पहुंचने के साथ शुरू हुआ रास पूरी रात चलता रहा। गरबा और धार्मिक भजनों की धुन में श्रद्धालु पूरी रात श्रद्धालु झूमते नजर आए। हालात यह थी कि रात ८ बजे के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पैर रखने की जगह भी नहीं मिल रही थी। शरद पूर्णिमा महोत्सव की शुुरुआत विजया दशमी को महाराज छत्रसाल के वंशज को तलवार और पान बीरा सौंपने के साथ शुरू हुआ था। तीसरे दिन तेरस की सवारी निकाली। मंदिर में कई दिन से धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं।
देररात निकाली श्रीजी की सवारी
प्राणनाथजी की शोभायात्रा बंगलाजी मंदिर से निकलकर रासमंडल में पधराई गई। रविवार पूनम की रात जैसे ही श्रीजी की सवारी बंगलाजी दरबार से रासमंडल आई तो वहां उपस्थित हजारों सुंदरसाथ रास के रचईया के जयकारे करने लगे। यह अखंड रास पांच दिनी अंतरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा उत्सव के रूप में रात-दिन चलेगा। जागिनी रास महोत्सव का शुभारंभ इसी बंगलाजी मंदिर से हुआ। इसमें प्रणामी समुदाय के गादीपति, धर्मगुरू व संत शामिल हुए। सर्वप्रथम बंगलाजी मंदिर में सेवा, पूजा व आरती हुई। इसके बाद देर रात राजजी के दिव्य सिंहासन को मंदिर के पुजारियों ने कंधों पर लेकर शोभयात्रा निकाली गई। शोभायात्रा निकलते ही पूरा मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। शोभायात्रा ब्रह्म चबूतरे पर ही स्थित रासमंडल में पधराई गई।
रातभर चलता रहा महारास कार्यक्रम
शोभयात्रा की एक झलक पाने के लिए बेताब रहे हजारों सुंदरसाथ श्रीजी के रामंडल में आने के साथ ही झूम उठे। देश के कोने-कोने से आए सुंदरसाथ पारंपारिक वेश-भूषा में सुसज्जित जन अपनी-अपनी बोलियों में भजन-कीर्तन करते नजर आए। शाम ८ बजे के बाद हालात यह थे कि मंदिर परिसर में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही थी।

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