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पन्ना

एमपी के इस जिले में सड़क पर आराम फरमाते आसानी से दिख जाएंगे बाघ

एमपी के इस जिले में सड़क पर आराम फरमाते आसानी से दिख जाएंगे बाघ

पन्नाJul 14, 2019 / 11:08 pm

Bajrangi rathore

 Tiger in this district of MP will be easily seen on the road

Tiger in this district of MP will be easily seen on the road

पन्ना। मप्र के पन्ना जिले में पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी 45 से 50 और पन्ना लैंड स्केप में इनकी आबादी 65 से 70 के बीच बताई जाती है। इसके अलावा जिले के जंगलों में जंगल के युवराज कहे जाने वाले तेंदुओं की आबादी भी अच्छी खासी है।
ज्यादातर बाघ टाइगर रिजर्व के कोर जोन और बफर जोन में देखे जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में तेंदुए रेगुरल फारेस्ट में भी हैं। जिले के जंगलों में शाकाहारी और मांसाहारी वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा होने का असर जिले की सड़कों और जंगल से लगे गांवों में भी देखा जा रहा है।
वन्य प्राणियों के सड़कों में दिखने और शिकार व हमले की घटनाएं आए दिन जिलेभर से सामने आ रही हैं। टाइगर रिजर्व की ओर से वन्य प्राणियों के विचरण क्षेत्र की सड़कों में जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं। गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की एक बाधिन परिवार सहित करीब दो माह से पांडव फॉल के निचले हिस्से में अपना आवास बनाए हुए थी। इससे पांडव फॉल को पर्यटकों के लिए बंद रखा गया था।
दो दिन पूर्व राहगीरों द्वारा पांडव फॉल के पास ही फिर एक बाघ को देखा गया। दो दिन पूर्व की धरमपुर रेंज में एक तेंदुए ने बकरी चराने गए किशोर पर हमला कर दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इससे करीब एक सप्ताह पूर्व पवई रेंज के चांदा फाल के पास एक तेंदुए को सड़क पार करते देखा गया था।
पन्ना-कटनी मार्ग में पन्ना से अमानगंज के बीच और पन्ना छतरपुर मार्ग में पन्ना से मड़ला घाटी के बीच अक्सर वनराज दिख जाते हैं। उक्त दोनों मार्गों पर शाकाहारी वन्य प्राणी जैसे हिरण, सांभर, नीलगाय आदि बड़ी मात्रा में दिख रहे हैं।
इनके सड़क पर आने से हादसे की आशंका भी बनी रहती है। इसी कारण से टाइगर रिजर्व की ओर से दोनों मार्गों में वन्य प्राणी विचरण क्षेत्र होने के बोर्ड जगह-जगह लगाए जाने के साथ ही वाहनों की अधिकतम गति सीमा भी निर्धारित की गई है।
राहगीरों में रहती है वन्य जीवों की दहशत

बारिश के सीजन में सड़कों में वन्य जीवों के अधिक संख्या में दिखने के कारण उक्त मार्गों में दो पहिया वाहनों से सफर करने वाले लोगों में दहशत रहती है। उन्हें हमेशा लगा रहता है कि पता नहीं कब कोई वन्य प्राणी उनके वाहन के सामने आ जाए और उनकी जान पर बन आए।
चार पहिया वाहन का सफर फिर भी सुरक्षित रहता है। सबसे अधिक परेशानी दो पहिया वाहनों से सफर कर रहे लोगों को होती है। यही कारण है कि उक्त मार्ग में रात को अकेले आने-जाने में बाइक चालक कतराते हैं। नीलगाय, सांभर आदि के अचानक सड़क पर आकर वाहनों से टकराने के कारण पूर्व में कई सड़क हादसे भी हो चुके हैं। इसलिए उक्त मार्ग से आवागमन करने वालों को हमेशा सावधानी के साथ वाहन चलाने और धीमी गति से वाहन चलाने की सलाह दी जाती है।
सूखे वनों में छाई हरियाली तो सड़कों में दिखने लगे वन्यजीव

पन्ना टाइगर रिजर्व के अमानगंज और मंडला रेंज के साथ ही मडिय़ादो बफरजोन में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव स्वच्छंद विचरण करते देखने मिल रहे हैं। भीषण गर्मी के कारण सूख चुके जंगल एक बार फिर मानसून की बारिश से हरियाली में तब्दील हो रहे हैं।
सूखे से परेशान वन्यजीवों को अब बारिश के बाद राहत मिली है। भोजन और पानी की तलाश में भटक रहे वन्यजीवों को अब जंगलों में हर कहीं पानी और भोजन मिल रहा है। पन्ना-अमानगंज और पन्ना-छतरपुर मार्ग सहित, मडिय़ादो -चौरईया, मडिय़ादो-रजपुरा, रजपुरा- चौरईया मार्ग पर विभिन्न प्रकार के वन्यजीव सड़क के किनारे अक्सर दिखाई दे जाते हैं।
बारिश के मौसम में वातावरण वन्यजीवों के लिए बहुत ही अनूकूल होता है। जानकारों की मानें तो गर्मियों के मौसम में वन्यजीव जलस्रोतों के पास और घने जंगलों में रहते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में यह मैदानों की और निकल आते हैं। जिसके चलते अक्सर सड़क के आसपास दिखाई देने लगते हैं।
यहां शाकाहारी जीवों में साभर, चीतल, ङ्क्षचकारा, खरगोश, सुअर, नीलगाय व भारी सख्या में लंगूर व बंदर देखे जा रहे हैं। मांसाहारी जीवों में तेंदुआ,भालू, सियार, लकड़बगघा, जंगली बिल्ली, लोमड़ी और जंगली कुत्तों बड़ी सख्या में रहते हैं।

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