सतना की तरफ से काम काफी धीमी गति से चल रहा है, इसलिए पन्ना में पटरी बिछाने और इंजन आने में दो से तीन साल तक का समय लग सकता है। पन्ना तहसील के गांवों में अभी भी मामला भू-अर्जन को लेकर अटका है।
542 किमी. लंबी रेल परियोजना गौरतलब है कि पन्ना अभी तक रेल सुविधाविहीन है। ललितपुर-सिंगरौली 542 किमी. लंबी रेल परियोजना के माध्यम से पन्ना के लोगों को करीब दो दशक पूर्व सपना दिखाया गया था। करीब ७३ किमी. लंबे सतना-पन्ना रेल लाइन के लिए देवेंद्रनगर तहसील के 15 और पन्ना तहसील के 7 गांवों से जमीन का अधिग्रहण किया जाना था।
इसमें देवेंद्रनगर तहसील के सभी प्रभावित गांवों में अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, जबकि पन्ना तहसील के सात गांवों में से जनकपुर-लक्ष्मीपुर के लोगों द्वारा मुआवजा निर्धारण के मामले को लेकर दर्ज कराई गई आपत्तियों का अभी तक निराकरण नहीं हो पाया है। सतना की ओर से भी मुआवजा संबंधी आपत्तियों का निराकरण नहीं हो पाने के कारण काम की गति तेज नहीं हो रही है।
यहां प्लेटफार्मों और रेलवे स्टेशन का काम प्रारंभ बताया गया कि मप्र के पन्ना जिले में फुलवारी, देवेंद्रनगर और सकरिया में रेलवे प्लेटफार्म और स्टेशन निर्माण का काम शुरू हो गया है, जबकि मुआवजा संबंधी समस्याओं के कारण पन्ना में प्रस्तावित रेलवे स्टेशन का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
नेशनल हाइवे पर सकरिया के पास सड़क के नीचे से रेलवे लाइन निकलनी है। यहां आगामी कुछ दिनों में सड़क की खुदाई का काम शुरू हो सकता है। सतना से 30 किमी. नागौद तक रेल लाइन आने के बाद ही पन्ना की ओर पटरी बिछाने का काम शुरू होगा। इससे पन्ना में बारिश के बाद मिट्टी काम काम पूरा कर लिया जाएगा।
चुनावी चक्कर में अटका काम सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगा रहा। इससे भू-अर्जन की प्रक्रिया ठप रही। चुनाव में प्रशासन की व्यस्तता के कारण धीमा पड़ा रेलवे का काम अब गति पकड़ेगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
इसी को लेकर बीते दिनों कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने रेलवे के इंजीनियर एसके रिछारिया को बुलाकर प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली थी, इससे उम्मीद जगी है कि प्रशासन भू-अर्जन से जुड़ी आपत्तियों का शीघ्र निराकरण कर रेलवे को काम के लिए जमीन उपलब्ध कराएगा। आपत्तियों के निराकरण के लिए पूर्व कलेक्टर द्वारा गठित कमेटी का निर्णय आने के बाद मामले में तेजी आ सकती है।
जमीन कारोबारी भी सक्रिय गौरतलब है कि रेलवे लाइन आने की जानकारी लगने के बाद जमीन कारोबारियों ने संबंधित क्षेत्र के किसानों की जमीन कम दाम में खरीदकर 300 से 500 वर्गफीट के छोटे-छोटे टुकड़ों कर बेच रहे थे। रेलवे में नौकरी पाने के लालच में पन्ना, सतना, रीवा, छतरपुर और कटनी सहित आसपास के सैकड़ों लोगों ने छोटे-छोटे टुकड़ों में जमीन खरीद ली थी।
मामला प्रकाश में आने के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने छोटे-छोटे टुकड़ों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी, साथ ही इस संबंध में रेलवे को भी एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि इस प्रकार से जमीन करोबारी सक्रिय हैं।
यदि इन छोटे-छोटे भूखंडों को भी शामिल कर लिया जाएगा तो वास्तवकि हितग्राहियों को हानि उठानी पड़ सकती है। वास्तविक हितग्राहियों के साथ ही भू कारोबारी भी प्रशासन पर दबाव बनाने में लगे हैं।
खजुराहो-पन्ना रेलखंड का ड्रोन से सर्वे खजुराहो-पन्ना रेलखंड का बीते दिनों ड्रोन कैमरे से रेलवे के एक्सपर्ट टीम ने फाइनल सर्वे किया है। इस सर्वे के बाद उम्मीद की जा रही है कि सतना-पन्ना रेलखंड के साथ ही खजुराहो-पन्ना रेलखंड का काम भी शुरू हो जाएगा। आगामी माह में दोनों रेलखंडों में एकसाथ काम शुरू होने की स्थिति में जिले के लोगों को पन्ना तक रेल पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी।
फुलवारी, देवेंद्रनगर और सकरिया में प्लेटफार्म और रेलवे स्टेशन का काम शुरू हो गया है। एनएच पर सकरिया के पास पुल बनाया जाना है। जिला प्रशासन द्वारा लंबित मामलों को जल्द निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसके रिछारिया, कार्यपालन यंत्री, पश्चिम मध्य रेलवे
फुलवारी, देवेंद्रनगर और सकरिया में प्लेटफार्म और रेलवे स्टेशन का काम शुरू हो गया है। एनएच पर सकरिया के पास पुल बनाया जाना है। जिला प्रशासन द्वारा लंबित मामलों को जल्द निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसके रिछारिया, कार्यपालन यंत्री, पश्चिम मध्य रेलवे