तोडफ़ोड़ कर कर्मचारियों को पीटा
जानकारी के अनुसार किसान को पूछताछ की जा रही थी, इसी दौरान भरत, जमुना और नारायण गौड सहित करीब ५० लोग लाठी, डंडे और पत्थर लेकर पहुंचे और किसान को छोडऩे की मांग करने लगे। वन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किसान को छोडऩे से मना करने पर ग्रामीणों ने रेंज कार्यालय में पथराव कर तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। उस दौरान कार्यालय में मौजूद रहे कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की। इससे एक कर्मचारी हीरालाल को चोट भी पहुंची है।
किसान को छुड़ाकर ले गए ग्रामीण
रेंज कार्यालय में पथराव और मारपीट करने के बाद ग्रामीण वन विभाग द्वारा पकड़े गए आरोपी किसान को भी छुड़ाकर ले गए। घटना के बाद वन विभाग में मामले में आरोपियों के खिलाफ वन अपराध दर्ज किया गया है। इसके साथ ही रेंजर किशनगढ़ बफर ने मामले में आरोपी किसान हीरालाल के अलावा पथराव और मारपीट करने वाले भरत, जमुना और नारायण गौड सहित ५० लोगों के खिलाफ छतरपुर जिले के किशनगढ़ थाने में अपराध दर्ज कराया है। मामले में किशनगढ़ पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा १४५, १४७, १४८, १४९, ३५३ और १८६ के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
रेड अलर्ट के बाद भी सामने आ रहे शिकार के मामले
मकर संक्रंाति त्यौहार के दौरान शिकार की आशंका को लेकर पन्ना टाइगर रिजर्व की ओर से कोर और बफर जोन में रेल अलर्ट जारी किया गया था। सामान्य वन मंडलों में भी सख्ती के साथ मैदानी अमले को लेकर गस्ती के निर्देश थे। इसके बाद भी सामान्य वन मंडलों से लेकर बफर तक में शिकार के मामले रेड अलर्ट के दौरान ही सामने आए हैं। टाइगर रिजर्व की उक्त घटना में १५ जनवरी की बताई जा रही है। जिसकी रिपोर्ट किशनगढ़ थाने में किशनगढ़ बफर रेंजर द्वारा १६ जनवरी को दर्ज कराई गई है।
शिकार की सूचना पर रेंज के कर्मचारी किसान को पकड़ लाए थे। ग्रामीण तोडफ़ोड़ और मारपीट कर आरोपी को छुड़ा ले गए हैं। मामले में वन अपराध दर्ज किया गया है। किशनगढ़ थाने में भी अपराध दर्ज कराया गया है।
केएस भदौरिया, फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व