सरकार को रिपोर्ट मिली है कि सूबे के दस जिलों के 47प्रखंडों में अभी तक 60प्रतिशत से भी कम धान की रोपनी हुई है। लिहाजा उन प्रखंडों की सच्चाई जानने के लिए ही अधिकारी वहां भेजे गये हैं। विभाग ने 16अगस्त को हर केसीसी कैंप में मुख्यालय से अधिकारियों को भेजा गया था।इन्हीं अधिकारियों को दो दिन और रुककर रोपनी की सही जानकारी लेने को कहा गया है। जिलों से अब तक मिली जानकारी के अनुसार 34लाख हेक्टेयर में धान की खेती के लक्ष्य के विरुद्ध लगभग तीस लाख हेक्टेयर में अब तक रोपनी हो चुकी है। नवादा, मुंगेर, शेखपुरा और जमुई जिलों में रोपनी की स्थिति बेहद खराब है। इसके अलावा गया,जहानाबाद, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, बांका और भागलपुर जिलों में भी रोपनी का काम अभी बाकी है। हालांकि इन जिलों में धान की बवाई यानी रोपनी का काम 70फीसदी हो चुका है। लेकिन सरकार को कुछ अलग ही रिपोर्ट मिल रही है।
राज्य में कम वर्षा
राज्य में बारिश की अब भी 18प्रतिशत कमी है। वैशाली और सहरसा जिलों में अब भी ज़रूरत से आधी ही बारिश हुई है। मुजफ्फरपुर में अब भी 42प्रतिशत वर्षा की कमी है। जबकि जमुई और खगड़िया में वर्षा की कमी लगभग 40प्रतिशत है। हालांकि वर्षा की कमी वाले क्षेत्रों में भी धान की रोपनी का काम काफी हद तक आगे बढ़ चुका बताया जा रहा है। सच्चाई जानने के लिए ही सरकार ने उन क्षेत्रों में अधिकारियों को भेजा है ताकि हकीकत को जानने के बाद आगे की रणनीति बनाई जा सके।
जिलों से मिली रिपोर्ट
सरकार को जिलेवार जो रिपोर्ट मिली उसके आकंडें इस प्रकार है कि 90प्रतिशत खेतों में धान की रोपनी हुई , 4 जिलों में 60 प्रतिशत रोपनी हुई , 18% कम वर्षा सूबे में हुई, 7 जिलों में रोपनी का काम पूरा हुआ। वास्तव में राज्य में धान की कितनी रोपनी हुई है इसका पता लगाने के लिए सरकार ने अधिकारियों की टीम को भेजा है।