scriptबिहार में शराब लेती थी डेढ़ लाख लोगों की जान | Alcohol used to kill one and a half lakh in Bihar | Patrika News
पटना

बिहार में शराब लेती थी डेढ़ लाख लोगों की जान

Liquor Prohibition: शराबबंदी से पूर्व बिहार में डेढ़ लाख मौतें ( 150 K Deaths) सिर्फ शराब पीने ( Consumeing Liquor ) से हुई। जबकि 29 हजार मौतें आत्महत्या ( 29 Thousand Sucides ) से हुई हैं। बिहार में घरेलू हिंसा ( Domestic Violence ) की घटनाओं में बेहद कमी आई।

पटनाAug 16, 2019 / 05:09 pm

Yogendra Yogi

Liquor Prohibition

Liquor Prohibition

Liquor Prohibition: पटना ( प्रियरंजन भारती ), शराबबंदी ने बिहार ( Liquor Prohibition in Bihar ) को बर्बादी से बचा लिया। बिहार में लागू शराबबंदी कई मायने में सकारात्मक परिणाम ( Positive Result ) देने में सफल रही है। इसके चलते शराब का घोषित कारोबार बंद हुआ और शराब पीने वालों के परिवारों में शांति ( Peace in Famlies) कायम हो सकी। एक आकलन के मुताबिक शराबबंदी से पूर्व बिहार में डेढ़ लाख मौतें ( 150 K Deaths) सिर्फ शराब पीने (Consumeing Liquor ) से हुई। बिहार में 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई।
२९ हजार ने की आत्महत्या
बिहार में शराबबंदी से पूर्व का विश्वस्तरीय आकलन विश्व स्वस्थ्य संगठन ( WHO Report ) की 2016 की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में शराब के सेवन से तीस लाख मौतें ( 3 Millon Deaths ) हुईं। इसमें अकेले बिहार में ही डेढ़ लाख लोग शराब पीने से मारे गये। जबकि 29 हजार मौतें आत्महत्या ( 29 Thousand Sucides ) से हुई हैं। हैरतअंगेज बात यह कि शराब पीकर मरने वालों में बीस से उन्नतीस आय ुवर्ग के युवाओं की संख्या कम नहीं है। शराब पीने से इस आयु वर्ग के 13.5 फीसदी युवाओं की मौत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक कुल मौतों में 5.3 फीसदी महज़ शराब संबंधी कारणों से हुई है। शराब पीने के चलते पकड़े और जेल भेजे जाने वालों की तादाद भी बढ़ी। शराब के कारणों से बिहार में चार लाख से अधिक लोग जेल भेजे गये।
घरेलू हिंसा ( Domestic Violence ) मे आई कमी
यह भी कम दिलचस्फ नहीं कि शराबबंदी से बिहार में घरेलू हिंसा की घटनाओं में बेहद कमी आई और आम तौर पर पीकर बवाल करने वाले नदारद हो गये।सावज़्जनिक तौर पर शराब की बिक्री कम होने से अपराध खासकर महिलाओं के प्रति अपराध में भी कमी आई है।
राजस्व का बड़ा घाटा

लेकिन एक दूसरा और अहम पक्ष यह भी है कि शराब बिक्री बंद होने से सरकार को राजस्व का बड़ा घाटा ( Revenue Lossses ) सहना पड़ा।साथ ही शराब सप्लाई का कारोबार करने वाले दूसरे तरीके अपनाकर ऊंचे दामों पर ज़रूरतमंदों को शराब उपलब्ध कराने लग गये। इसमें पुलिस की संलिप्तता भी खूब बढ़ी है।

Home / Patna / बिहार में शराब लेती थी डेढ़ लाख लोगों की जान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो