पोलट्री फार्म में किलिंग
पोलट्री फार्म में किलिंग के साथ ही मुर्गियों को दिए जाना वाला दाना-पानी भी नष्ट किया गया है। मरी हुई मुर्गियों को दफनाने का काम भी किया गया है। इस काम में जिला प्रशासन के साथ पशुपालन विभाग के चिकित्साकर्मियों की टीम लगी हुई है। मौका स्थल से दस किलोमीटर के क्षेत्र को सर्विलांस पर रखा गया है। चिकित्सकों का मानना है कि मौसम में आए बदलाव के कारण यह बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। सामान्य तौर पर सर्दियों में बर्ड फ्लू का वायरस सक्रिया होता है। तेज गर्मी पडऩे पर इसका वायरस स्वत: ही नष्ट हो जाएगा।
कौवे से फैला वायरस
बर्ड फ्लू सबसे पहले एक कौवे में पाया गया। वहां से यह बीमारी मुर्गियों तक फैल गई। संक्रमित पशुओं के सपंर्क में आने से यह बीमारी आम लोगों में फैल जाती है। बर्ड फ्लू के फैलाव को अन्य क्षेत्रों तक रोकने के लिए सैनेटाइजेशन का काम किया जाएगा। इसके लिए एक किलोमीटर के दायर में आने वाल पोलट्री फार्म व घरों में पलने वाले मुर्गे-मुर्गियों को मारा जाएगा।
एडवाइजरी जारी
पशुपालन विभाग ने बड फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। लोगों को बीमार मुर्गियों के संपर्क से बचने की हिदायत दी गई है। इसकी सूचना प्रशासन को भी देने के ताकीद की गई है। बचाव के उपायों के तहत मुर्गी पालन से जुड़े लोगों को दस्ताने पहनने, पंख आदि छूने पर साबुन से हाथ धोने के की सलाह दी गई है। मृत मुर्गियों को दफनाने की प्रक्रिया भी बताई गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन से बर्ड फ्लू के फैलने की संभावना बहुत कम है, फिर सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।