समन्वय समिति का गठन चुनाव प्रचार शुरु होने से पहले ही कर लेने की योजना बनी तो थी लेकिन अब तक इसे लेकर कोई पहल ही नहीं हुई। समन्वय नहीं बन पाने की वज़ह से विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव उपेंद्र कुशवाहा के उजियारपुर में नमांकन के दौरान नहीं पहुंच पाए। वे मांग के बावजूद सभी जगह उपलब्ध नहीं हो पा रहे। राहुल गांधी की गया में आयोजित सभा में भी तेजस्वी नहीं पहुंच सके। लालू यादव की गैरहाजिरी में तेजस्वी की मुस्लिम यादव वोटों के जनाधार को जोड़े रखने की मांग ज्यादा है।
कांग्रेस नेताओं और महागठबंधन के दूसरे दलों में भी तालमेल का अभाव दिख रहा है। कांग्रेस में राहुल गांधी के अलावा सिर्फ शत्रुघ्न सिन्हा की मांग हो रही है। पर वह सभी रैलियों में नहीं जा सकते। आरजेडी में दूसरे नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी हैं जिनकी व्यापक मांग है पर वह दरभंगा से खुद चुनाव लड़ रहे और वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। कुशवाहा की वैसी कोई जबर्दस्त मांग तो नहीं पर वह उपलब्ध हो जा रहे हैं। महागठबंधन में प्रचार के लिए सभी दलों का अपना हेलीकॉप्टर उपलब्ध है। बस जीतन राम मांझी के पास हेलीकॉप्टर नहीं है। वह विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी और दूसरे नेताओं के साथ ही घूमते रह रहे हैं। मुकेश सहनी का हेलीकॉप्टर सभी सहयोगी दलों के नेताओं की सवारी के लिए उपलब्ध है।
कांग्रेस नेता शकील अहमद की बगावत के बाद महागठबंधन में अभी चुप्पी छाई है। हालांकि उन्हें पार्टी आलाकमान का समर्थन हासिल है। इसी तरह आरजेडी में अली अशरफ फातमी की नाराजगी विस्फोटक होती दिख रही है। वह दरभंगा से टिकट चाहते थे पर वह मधुबनी भी नहीं ले पाए। वह सपा बसपा से किसी सीट पर टिकट की बाट जोह रहे हैं। लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की बगावत भी महागठबंधन में भारी पड़ रही है। वह जहानाबाद, शिवहर,हाजीपुर और बेतिया समेत पांच सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने के बाद और भी तल्ख तेवर में नज़र आने लगे हैं।