भभुआ सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना परचम लहराया है। इस सीट पर दिवंगत भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय की विधवा रिंकी रानी भाजपा से चुनाव मैदान में उतारी गई। महागठबंधन से कांग्रेस की ओर से शंभू सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा गया। भाजपा के दिवंगत विधायक की विधवा रिंकी रानी पांडेय ने सहानुभूति का लाभ लेते हुए कांग्रेस के शंभू सिंह पटेल को 16 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया।
2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू के अलग-अलग रहने का असर हुआ था। ब्राह्मण और राजपूत बहुल क्षेत्र में भाजपा जीती। तब भाजपा के आनंद भूषण पांडेय को 50768 वोट मिले। जबकि महागठबंधन की ओर से जदयू के डॉ.प्रमोद कुमार सिंह को 43024 वोट मिले। 2010 में लोजपा के टिकट पर सिंह विजयी रहे थे। तब नीतीश के खिलाफ लोजपा और आरजेडी का गठबंधन था।
जहानाबाद सीट पर जीती आरजेडी :- जहानाबाद सीट के उपचुनाव में आरजेडी के कृष्णकुमार मोहन उर्फ सुदय यादव ने जदयू के अभिराम शर्मा को 35 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया। अभिराम शर्मा दवा कंपनी के मालिक और जदयू के राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र के नजदीकी हैं। सवर्ण भूमिहार और यादव बहुल इस क्षेत्र में दलित वोट भी बेहद मायने रखते हैं। जीतनराम मांझी के आरजेडी के साथ जा मिलने का भी असर यहां देखा गया। 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के मुंद्रिका सिंह यादव ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के प्रवीण कुमार को पराजित कर दिया था। भाकपा-माले प्रत्याशी संतोष केसरी तीसरे नंबर पर थे। आरजेडी को तब 76458 और रालोसपा के प्रवीण कुमार को 46137 वोट मिले। जबकि भाकपा माले के संतोष केसरी को 6716 वोट मिले थे।