उन्होंने कहा कि 71 सालों में देश के संविधान में 123 संशोधन किए गए। संविधान में ज़रूरत पड़ने पर संशोधन की व्यवस्था की गई है। जनहित के लिए सरकार समय—समय पर संशोधन करती आ रही है। उन्होंने कहा कि आरजेडी इस व्यवस्था को पचा नहीं पा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस की निंदा करते हुए कहा कि नरसिंह राव की सरकार ने 1990 में सारे देश से रिपोर्ट इकट्ठा की और सिर्फ अध्यादेश लागू किया। तत्कालीन सरकार ने कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं लागू की। मनमोहन सिंह की सरकार ने भी 2010 में समृद्ध वयवस्था नहीं की, जबकि कांग्रेस ने आरक्षण देने का वादा किया था।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार इस मसले पर संवेदनशील है, इसलिए ज़रूरत के हिसाब से यह व्यवस्था लागू की है। राम मंदिर के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश की करोड़ों जनता राम मंदिर का निर्माण चाहती है। प्रधानमंत्री इस मसले पर गंभीर और संवेदनशील हैं और जल्द मंदिर निर्माण चाहते हैं। भरोसा है कि समय रहते अदालत इस मामले पर उचित निर्णय कर लेगी।