विपक्ष ने ललकारा था
विपक्षी पार्टियों आरजेडी और कांग्रेस ने राज्य सरकार पर आरोप लगाए कि दीन हीन लोगों से किराए लिए जा रहे और राज्य सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। सबसे पहले कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने ट्रेन में छात्रों मजदूरों से किराए वसूले जाने का मामला उठाया। फिर आरजेडी नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर सरकार पर आरोप लगाए। यादव ने केंद्र और राज्य की डबल इंजन कही जाने वाली सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यदि सरकार गरीबों और छात्रों को बोझ नहीं उठा सकती तो आरजेडी किराया देगी। यादव ने कहा कि नीतिश सरकार 5 दिनों में 50 ट्रेनों की व्यवस्था सरकार करे तो तुरंत उसके खाते में इसका खर्च पार्टी जमा करा देगी। विपक्ष के नेता के नेता ने साथ में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर भी व्यंग्य किए कि आपको बही खाता देखने के बहुत शौक हैं, इसका हिसाब बताइए।
अपनों ने भी उठाए सवाल
इस मुद्दे पर सरकार में सहयोगी भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक और पूर्व आईएएस अधिकारी आर एस पांडेय ने भी सवाल उठाए। किराया वसूलने के मामले पर उन्होंने बेसहारा छात्रों और मजदूरों से पैसे न देने की मांग की। पांडेय ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में किराया वसूलना उचित नहीं है। भाजपा विधायक ने सरकार विधायक फंड की राशि ले मगर यह कदम सही नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों छात्रों को घर वापस भेजने में खर्चे का 85 प्रतिशत हिस्सा वहन कर रही है तो क्या राज्य सरकार 15 प्रतिशत भी खर्च भी वहन नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि असमर्थ हैं तो विधायक फंड से किराए का भुगतान करें।
मुख्यमंत्री ने की खर्च वहन की घोषणा
ट्रेन किराए पर बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आकर दावा करना पड़ गया कि सरकार सभी के किराए का भुगतान करेगी। मुख्यममंत्री ने ट्रेन से छात्रों मजदूरों की घर वापसी की पहल करने पर केंद्र को धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी आने वालों को उनके गृह प्रखंड में बने क्वारंटाइन सेंटर्स तक बसों के जरिए सुरक्षित ले जाया जा रहा है। सभी सेंटर पर खान पान और 21 दिनों तक क्वारंटाइन में रखने की उचित व्यवस्था की गई है। मुख्यममंत्री ने दावा किया कि क्वारंटाइन की 21 दिनों की अवधि पूरा कर घर जाने से पूर्व सभी छात्रों मजदूरों के ट्रेन किराए समेत अन्य खर्चों का भुगतान राज्य सरकार करेगी। मुख्यममंत्री ने यह भी कहा कि इसके अतिरिक्त सभी को न्यूनतम एक एक हजार रुपये भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 19 लाख बिहारियों के खाते में मदद के बतौर एक एक हजार रुपये अब तक दिए जा चुके हैं।