भाजपा की ओर से आशंकित भी हैं नितीश
हालांकि भाजपा गठबंधन ( JDU-BJP Coalition ) में रहते हुए उन्हें शंका भी है कि पता नहीं भाजपा ( BIHAR BJP P ) कहीं अपना नेता कोई और न घोषित करने की ताक में हो। इसी शंका से चौकन्ने नीतीश अपनी सख्शियत बनाए रखने के लिए तरह-तरह के जोड़-घटाव कर रहे हैं। अभी इनका जोर लालू यादव के एमवाई समीकरण की तरह मुस्लिम सवर्ण और पिछड़ा वोटों को एकजुट करके साधने का है। लिहाजा वह मुस्लिम नेताओं को खूब पटा रहे हैं। अभी हाल ही लालू यादव के खास रहे और एक समय आईएसआई से संबंधों के लिए बदनाम पूर्व केंद्रीय मंत्री एम एम फातमी को जदयू में शामिल किया गया।
पहले फातमी और अब बारी पर डोरे
फातमी ने दरभंगा से आरजेडी का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से आहत होकर लोकसभा चुनाव में विद्रोह कर दिया था। उन्होंने पहले ही घोषणा भी कर दी थी। नीतीश ने अभी दरभंगा जाकर विधायक दल नेता रह चुके मौजूदा आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ( ABDUL BARI SIDDIQUE ) से मुलाकात कर उन्हें भी साधने की कोशिश की। सिद्दीकी आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं में हैं और पार्टी के निष्प्रभावी होने से आहत हैं। नीतीश कुमार इन्हें भी आकर्षित कर रहे है। इनकी कोशिश भाजपा के साथ बने रहकर एक धर्मनिरपेक्ष छवि वाली पहचान बनाए रखने की है।