सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की है।जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार से तीन हफ्तों में जवाब मांगा है।अपने निर्देश में खंडपीठ ने कहा कि दोषी चाहे जो भी हो उसे सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। अदालत ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर वह जांच की निगरानी करने के लिए तैयार है। अदालत ने इस मामले में कई गाइडलाइंस भी जारी किए हैं।खंडपीठ ने पीड़िताओं की तस्वीरें और वीडियो दिखाने पर आपत्ति की है। खंडपीठ ने कहा कि पहचान छिपाते हुए संपादित तस्वीरें और वीडियो किसी स्वरूप में भी नहीं दिखाई जा सकती।
पटना हाईकोर्ट में याचिका पर निगाहें
इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है।एक सामाजिक कार्यकर्ता संतोष कुमार ने शेल्टर होम्स को लेकर याचिका दायर कर रखी है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने शेल्टर होम्स के लिए तीन सौ पेज की गाइडलाइंस बना रखी है कि इन होम्स का कैसे रख रखाव हो और कैसा रहन सहन हो।होम्स की व्यवस्था संचालन के लिए तीन स्तरों पर सरकार काम करती है। कई अधिकारियों की तैनाती होती है। इनकी हिफाजत को पहरे लगाए जाते हैं। फिर भी लड़कियां सामूहिक यौन शोषण की शिकार हो रही हैं और अल्पावास गृहों से महिलाएं गायब हो रही है। इस याचिका के अतिरिक्त नवनीत कुमार ने भी एक जनहित याचिका दायर कर रखी है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार के लिए इसे शर्मिंदगी की बात करार देते हुए पूर्व में सीबीआई जांच की ज़रूरत बताई थी। इस मामले में अगली सुनवाई छह अगस्त को होनी है। संतोष और नवनीत समेत बहुत लोगों को अगली तारीख पर सुनवाई का इंतजार है।
तेजस्वी ने ट्वीट में नीतीश पर कसे तंज
इस बीच लालू यादव के छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को ट्वीट कर बालिका गृह मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर खूब तंज कसे।उन्होंने ट्वीट में कहा कि नीतीश कुमार का इस मामले में मुंह खुलवाकर रहूंगा।उनकी आपराधिक चुप्पी तुड़वाकर रहूंगा।उनकी कुंभकर्णी अंतरात्मा जगाकर रहूंगा।उनकी फर्जी नैतिकता उजागर करके रहूंगा। उनका बनावटी मुखौटा उतारकर रहूंगा। चाहे जो समय लगे।
सीबीआई की टीम अनुसंधान में जुटी
इस बीच सीबीआई की टीम इस मामले के अनुसंधान में मुस्तैदी से जुट गई है। अनुसंधान कर रही टीम इस बात को खंगालने में जुटी है कि मामले के उजागर होने के महीने भर बाद क्यों एफआईआर दर्ज की गई।इस मामले में समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारियों और कर्ई कर्मियों पर शक गहराता जा रहा है।टीम ने बुद्ववार को भी विभाग के प्रधान सचिव से पूछताछ की और कई जरूरी कागजात हासिल कराने को कहा था।