पीके ने बेगूसराय के शहीद हुए जवान पींटू कुमार सिंह के परिजनों को सांत्वना देने पार्टी की ओर से किसी के नहीं जाने पर सार्वजनिक रूप से अफसोस जा़हिर किया और इस भूल के लिए जनता से माफी मांग ली।दूसरे ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिंटू सिंह के परिजनों से मिलने उनके पैतृक गांव जा पहुंचे। पीके ने क्रेडिट लेते हुए ट्वीट किया और इसे फॉलो अप बताया। इससे यह संदेश गया कि उनके कहने के बाद ही नीतीश कुमार शहीद के परिवार से मिलने उनके घर गए।
मुजफ्फरपुर के एक कार्यक्रम में उन्होंने यह कह डाला कि वह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बना सकते हैं तो युवाओं को सांसद और विधायक भी बना सकते हैं। इस बयान की जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई। नीतीश कुमार के खास सहयोगी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि सांसद विधायक जनता बनाती है। नेता तो सिर्फ माहौल बनाते हैं। प्रशांत किशोर का यह बयान भी पार्टी में बहुतों को नाराज कर गया जिसमें कुछ दिनों पूर्व उन्होंने कहा था कि महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ सरकार बनाने से पहले नीतीश कुमार को नया जनादेश लेना चाहिए था। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि दल में नीतीश कुमार से बड़ा कोई नहीं है। उन्हें नसीहत देने की ज़रूरत नहीं है।
पाकिस्तान के खिलाफ बदले की भावनाओं वालों की आलोचना करके भी पीके ने गले में हड्डी फंसा ली। पार्टी में उन्हें इसका भारी विरोध झेलना पड़ रहा है। कुछ ही दिनों पूर्व प्रियंका गांधी के राजनीति में प्रवेश का शानदार तरीके से स्वागत कर पीके ने अपना स्टैंड पहले ही साफ कर दिया था। इन सब बयानों से वह लगातार नीतीश कुमार विरोधी साबित हुए जा रहे हैं। भाजपा पहले से ही पीके को पचा नहीं पा रही थी।