इंवाका ट्रम्प ने किया जज्बे को सलाम
बिहार की (Bihar News ) यह बेटी उस वक्त सबकी आंखों का तारा बन गई जब उसने अपने बीमार पिता को साइकिल पर लेकर 1200 किलोमीटर का सफर किया। उसके इसी हौसले की तारीफ अमरीका के राष्ट्रपति की बेटी इंवाका ने की है। दरअसल यह संघर्षपूर्ण और जज्बात की कहानी है पन्द्रह वर्षीय ज्योति की। लॉकडाउन में ज्योति और उसके पिता मोहन पासवान गुडगांव में फंस गए थे। आठवी कक्षा मे पढऩे वाली ज्योति अपने बीमार पिता की सेवा करने गई थी। अचानक लॉक डाउन लागू होने से पिता-पुत्री दोनो वहीं फंस गए। दोनों के समक्ष पेट भरने की समस्या खड़ी हो गई।
1200 किमी का सफर
पिता की बिगड़ती तबियत देखकर ज्योति ने बहुत ही मजबूत निर्णय किया। प्रधानमंत्री राहत कोष से मिले एक हजार रुपए उसके खाते में आने से उसका हौसला बढ़ गया। उसने पिता के साथ साइकिल से ही गुडगांव से दरभंगा (बिहार) का सफर तय करने की ठान ली। ज्योति ने बचे हुए रुपए एक साइकिल खरीदी। कुछ जरुरत का सामान लेकर पिता को साइकिल के पीछे बिठा कर सफर पर निकल पड़ी। साइकिल से करीब 12 सौ किलोमीटर की गुडगांव से दरभंगा की यह दूरी उसने पैडल मारते हुए आठ दिनों में पूरी कर ली। इस बीच जहां भी कहीं थोड़ा सुरक्षित स्थान दिखा, वहीं रात गुजारी। अगले दिन सुबह होते ही ज्योति की यात्रा फिर शुरु हो जाती।
विश्व तक पहुंची त्याग की दास्तान
निरतंर आठ दिन के कड़े सफर के बाद आखिरकार ज्योति बिहार में अपने घर पहुंचने में कामयाब हो गई। उसकी यह अदम्य जीजिविषा की दास्तान सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद हर तरफ से पिता के प्रति किए गए उसके त्याग के कसीदे पढ़े जाने लगे। पुत्री के पिता के लिए किए गए इस त्याग की कहानी से द्रवित होकर राढ़ी पश्चिमी पंचायत के पकटोला स्थित डॉ. गोविंद चंद्र मिश्रा एजुकेशनल फाउंडेशन ने भी ज्योति को नि:शुल्क शिक्षा और उसके पिता मोहन पासवान को नौकरी का प्रस्ताव दिया। साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन ओंकार सिंह ने साइकिलिंग स्र्पधा में चयन के लिए उसे अगले महीने दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। मीडिया के जरिए जब एक पिता के प्रति बेटी के इस साहसिक कृत्य की जानकारी विश्व में पहुंची तो अमरीका के राष्ट्रपति की बेटी इंविका टं्रप भी खुद को रोक न सकी। इंवाका ने ट्विटर पर ज्योति के जज्बे को सलाम किया है।