बंदरों का उत्पात ऐसा है कि तख्तश्री हरमंदिर साहिब के भवनों सहित आसपास के घरों के लोगों को सुरक्षा के प्रति बहुत सतर्क रहना पड़ रहा है। लोगों ने घरों में लोहे के जाल लगाकर सुरक्षित रहने की कवायद कर रखी है। बंदरों का झुंड एक साथ घरों में घुसकर किचेन के सामान और कपड़े तथा अन्य वस्तुओं को लूटकर बर्बाद कर दे रहे हैं। कई व्यापारियों के नोटों की गड्डियां बंदरों के झुंड ले भाग रहे और उन्हें एक एक कर उड़ा दे रहे हैं। बंदरों ने महिलाओं ,बच्चों और बुजुर्गों पर हमले कर उन्हें बुरी तरह घायल करना भी शुरु कर दिया है। सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।
सरकार नहीं कर पर रही कोई मदद
बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार भी कोई मदद नहीं कर पा रही। डेढ़ वर्ष पूर्व गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए विशेष उपाय किए थे।तब दो दर्जन बंदरों को बेहोश कर पिंजड़ों में चिड़ियाघर ले जाया गया था। लेकिन अब लोगों की लगातार फरियाद के बावजूद सरकारी महकमा कुछ करने को तत्पर नहीं दिख रहा।
छलक उठा लोगों का दर्द
उत्पाती बंदरों से परेशान एक स्थानीय निवासी ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि बंदरों ने जीना दुश्वारकर रखा है। बंदरों से बचने के लिए घर पर जो जाल लगाए है उससे पूरा घर पैक हो गया है। ऐसा लगता है जैसे गुफा में रह रहे है। उत्पाती बंदर इन पर भी छलांग लगाते रहते है ऐसे में पूरे घर में भय का सा महौल बना रहता है।