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पटना

बाघ प्रेमियों के लिए खुशियों की सौगात लाया है यह टाइगर रिजर्व

देश के वन्यजीव प्रेमियों ( Good News for wild life lovers ) के लिए एक खुशखबरी है। देश में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी में अब बेतिया का बाल्मिकी टाइगर्स रिजर्व ( Valmiki tigers reserve ) भी शामिल हो गया है। इस बाघ परियोजना क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़कर 31 हो ( Tigers population reached 31 ) गई।

पटनाJan 24, 2020 / 08:07 pm

Yogendra Yogi

बाघ प्रेमियों के लिए खुशियों की सौगात लाया है यह टाइगर रिजर्व

बाघ प्रेमियों के लिए खुशियों की सौगात लाया है यह टाइगर रिजर्व

पटना (प्रियरंजन भारती): देश के वन्यजीव प्रेमियों ( Good News for wild life lovers ) के लिए एक खुशखबरी है। देश में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी में अब बेतिया का बाल्मिकी टाइगर्स रिजर्व ( Valmiki tigers reserve ) भी शामिल हो गया है। इस बाघ परियोजना क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़कर 31 हो ( Tigers population reached 31 ) गई। बाघ यहां पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनते जा रहे हैं। बाघों की इस बढ़ोतरी से पूर्व वन विभाग के समक्ष दोहरी चुनौती थी कि बाघों के वंश को बढ़ाया जाए और उन्हें शिकारियों से बचाया जाए। विभाग की सक्रियता और रणनीति इस लिहाज से कामयाब रही। कभी बाल्मिकी रिजर्व में बाघों की दहाड़ कभी-कभार ही सुनाई पड़ती थी, जोकि अब आसानी से सुनी जा सकती है।
8 से बढ़कर 31 हो गई संख्या
वर्ष 2010-11 में आठ बाघ थे जोकि वर्ष 2018-19 में बढ़कर 31 हो चुके हैं। वन विभाग के प्रयासों से बाघों को रिहायशी इलाकों में जाने से रोकने और उसकी संख्या में वृद्धि के लिए रिजर्व में ग्रासलैंड का दायरा बढ़ा है। नतीजा यह कि वीटीआर में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिजर्व में फायर सिस्टम और वाटरलॉग जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। बाघों के संरक्षण पर पूरा जोर दिया जा रहा है। मुख्य वन संरक्षक,वाइल्ड लाइफ पीके गुप्ता के अनुसार वीटीआर को विकसित और विस्तारित किया जा रहा है। इससे जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में नहीं आ सकेंगे। ग्रासलैंड एरिया के विस्तार से बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
ग्रासलैंड बढऩे से हुआ इजाफा
वीटीआर टाइगर्स घने जंगलों में है और इन जंगलों में बाघ से लेकर हर तरह की प्रजातियों का निवास है। ग्रासलैंड बढऩे से फायदा यह है कि बाघों को अपने इलाकों में ही शिकार मिल रहा है। दरअसल ग्रासलैंड बढऩे से अन्य वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इससे बाघों को शिकार करने के लिए वन क्षेत्र से बाहर नहीं भटकना पड़ता। वाटरलॉग की सुविधाएं पहले से बहाल हैं। कुछ जगहों पर डैम बनाए गये हैं। फायर सिस्टम ठीक किया गया है ताकि जंगल में कभी आग नहीं लग पाए।
बाघों की गिनती शुरू
वीटीआर में बाघों की गिनती शुरु हो गई है। इसके लिए इंप्रेशन पैड और कैमरा ट्रिप पद्धति को अपनाया गया है। इसमें लगभग चार सौ कैमरे लगाए गये हैं। ये कैमरे अभी लगे रहेंगे। फिर कैमरे में कैद बाघ की तस्वीरों का मिलान सॉफ्टवेयर से होगा। यह सॉफ्टवेयर पीठ की धारियां और सिर पर बने चिन्हों से बाघ की पहचान करेगा। इसमें पंद्रह से बीस दिनों का समय लगता है। इसके आधार पर बाघों की गिनती पूरी हो जाएगी।

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