कॉपीराइटर और एंटरप्रेन्योर अनामिका कहती हैं कि ए.आर.रहमान और जस्टिन बीबर के इंडिया टूर के लिए हम मर्चेंडाइज बना चुके हैं। एक कॉपीराइटर के तौर पर मैं शब्दों से पिछले ११ साल से रूबरू हो रही हूं। २७ अप्रैल को मैंने यह कविता अगले दिन होने वाले इवेंट में परफॉर्मेंस के लिए लिखी थी और महज १५ मिनट ही इसे पूरा कर लिया था और लिखते ही सबसे पहले मां को सुनाई, तो वे रोने लगीं। मैं भी सुबक पड़ी, फिर मुझे पता चल गया कि यह कविता कहां तक जाने वाली है। दरअसल, मैंने नौ साल पहले मां के बर्थडे पर सबसे पहले कविता लिखी थी। मेरी मां प्रोफेशन को लेकर बहुत पैशनेट रही हैं, लेकिन हमारी तरफ से उन्हें हमेशा ना ही मिली। यहां तक कि एक बार उन्हें विदेश घूमने तक का मौका मिला, लेकिन उन्होंने हमारे लिए अपना पैशन सेक्रिफाइस कर दिया। कई बार हमने उन्हें रोका, लेकिन अब लगता है कि यदि हमने उन्हें उनकी फ्रीडम दे दी होती, तो शायद आज वे बहुत बड़े मुकाम पर होतीं।
अनामिका कहती हैं कि उन्हें मैसेजेज और कमेंट्स के जरिए काफी सराहना मिल रही है। कई बच्चे गिल्ट फील कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हमसे यह पूरा वीडियो तक नहीं देखा जा रहा। एक ७४ साल की महिला ने मैसेज कर कहा है कि तुमने मेरे भावों को अपने शब्दों में पिरोया है। वहीं चंडीगढ़ की एक साइकोलॉजिस्ट ने दो हजार महिलाओं को एक वर्कशॉप में यह वीडियो दिखाया है। इस तरह के रिस्पॉन्स ने मुझमें एक नई ऊर्जा भर दी है।
अनामिका कहती हैं कि यह मेरी पहली स्टेज परफॉर्मेंस थी। इससे पहले टिकटॉक पर २५० वीडियो डाल चुकी थी। जब स्टेज पर गई तो लग रहा था कि यही वो ऑडियंस है, जिस तक मेरी बात आसानी से पहुंच जाएगी। थोड़ी देर बात मैं बहुत सहज हो गई थी। मेरी डेस्टिनी मुझे स्टेज परफॉर्मेंस तक लेकर आई है, अब कई स्टोरीटेलर मुझसे संपर्क कर रहे हैं। सर्किल क्रिएट कर रही हूं और अब परफॉर्मेंस के लिए समय निकालूंगी।