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पत्रिका प्लस

हाथ के साथ-साथ नासिका को भी करें सेनेटाइज

– नासिका हवा को फिल्टर करती है, ऐसे में उसका सेनेटाइज होना बहुत जरूरी है। – नाक, गले और लंग्स को बनाएं मजबूत

जयपुरJun 02, 2020 / 07:34 pm

Jaya Sharma

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हाथ के साथ-साथ नासिका को भी करें सेनेटाइज,हाथ के साथ-साथ नासिका को भी करें सेनेटाइज

जयपुर. मानव शरीर में खुद का अपना इनर सेल्फ डिफेंस सिस्टम होता है, जो बीमारी से बचाव की क्षमता रखता है। पांच हजार साल पुरानी योग और आयुर्वेद चिकित्सा प्रणालियों में बॉडी के इस सिस्टम को बूस्ट करने की बहुत सी विधियां हैं। हमें इन विधियों के जरिए कोरोना महामारी के दौर में बॉडी के इनर सेल्फ डिफेंस सिस्टम को समझने और उसे बूस्ट करने की जरूरत है।
नासिका का इसमें बड़ा रोल है। सांस लेते समय हम प्रदूषण, धूल कण, कीटाणुओं को भी अंदर खींच लेते हैं। ऐसे में किसी भी बाहरी पदार्थ को हमारे फेफ ड़ों में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रकृति ने नासिका में एक फिल्टर प्रणाली बनाई है। नाक के घुंघराले बाल और श्लेष्म झिल्ली किसी भी प्रकार के वायरस को छानने के लिए डिजाइन की गई है। ऐसे में नासिका की अंदर से सफाई बहुत जरूरी है। नेति इसका एक बहुत पुराना जरिया है। नामी योग थैरेपिस्ट योगीराज स्वामी लालजी महाराज ने बताएं नासिका के सेनेटाइजेशन के कुछ खास तरीके-
क्या है नेती
नेति का शाब्दिक अर्थ है नाक को साफ करना। नाक की सफाई आंखें, कान, नाक, साइनस, गले और मस्तिष्क सहित पूरे श्वसन संबंधित तंत्र को स्वस्थ रख सकती है। इसमें जल नेति, रबड़ नेति, सूत्र नेति और घृत नेति जैसी कई प्रक्रियाएं हैं। यदि नाक से खून बह रहा है, गंभीर रूप से अवरुद्ध नथुने के रोगी, नाक में सूजन या बहती नाक के दौरान नेति प्रक्रिया की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
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जल नेति-
गुनगुने पानी से भरा एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया टंबलर लेंं, और अपने दाहिने नथुने में टंबलर का नोजल डालें और अपने सिर को बाएं हाथ की ओर झुकाएं, जिससे मुंह से सांस लेते हुए दूसरे नथुने से पानी निकल सके। ऐसा करके आप बिना किसी प्रयास के अपने बाएं नथुने से पानी को बाहर निकलते देखेंगे, क्योंकि नाक के शीर्ष पर दोनों नथुने को जोडऩे वाला एक छेद होता है। हालांकि, अगर नाक बंद हो जाती है और पानी दूसरे नथुने से पानी मुक्त प्रवाह में नहीं गुजर रहा है, तो आपको तुरंत अभ्यास बंद कर देना चाहिए और कपाल भाति अभ्यास करना चाहिए। यही प्रक्रिया दूसरी नासिका में दोहराएं।
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रबर नेति-
रबर कैथेटर नं 3 किसी भी दवा की दुकान से आसानी से मिल जाता है। कैथेटर के यूज से पहले उसे सेनेटाइज करें और फिर साफ करें। प्राचीन मूल हठ योग ग्रंथों में रबर नेति का कोई उल्लेख नहीं है, हालांकि यह पाया गया है कि सूत्र नेति करने से पहले अपने नासिका को तैयार करने के लिए रबर नेति उपयोगी साबित होती है। इसे करने के लिए अपनी दाहिने हाथ की तर्जनी के जरिए कैथेटर के एक छोर को पकड़ें, जबकि बीच की उंगली और अंगूठे शीर्ष छोर को पकड़े। शीर्ष छोर को थोड़ा सा मोड़ें, पहले दाहिने नथुने में कैथेटर के कुछ इंच डालें। इसे तब तक धकेलते रहें, जब तक यह आपके गले तक न पहुंच जाए और इसे अपने बाएं हाथ की पहली दो अंगुलियों से पकड़कर मुंह से बाहर निकाल दें। फि र कैथेटर को पानी से अच्छी तरह से धो लें और इसे उसी तरीके से बाएं नथुने में डालें। दो वीक बाद ही इस नेति के अच्छे परिणाम नजर आने लगेंगे।
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सूत्र नेति
सूत्र नेति धागे के माध्यम से होती है। यह भी रबर नेति की तरह ही होती है। कम से कम तीन सप्ताह तक रबर नेति कैथेटर का अभ्यास करने के बाद ही इसे करना चाहिए। सूत्र नेति श्वसन तंत्र को मजबूत करती है। साथ ही वायरस और एलर्जी से लडऩे के लिए आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाती है।
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घृत नेति
बाहरी जर्म से बचने के लिए नाक को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज रखना जरूरी होता है। सालों पहले से ही योगी इस तरह के वायरस को जानते थे। उनमें नथुने में गुनगुना मक्खन और बादाम का तेल डालने की आदत थी। इस नेति के लिए गुनगुना गाय का घी और शुद्ध बादाम का तेल इस्तेमाल करना होता है। एक चम्मच या ड्रॉपर की मदद से अपने दोनों नथुनों में गुनगुना घी या तेल डालें। डालने के बाद भी 5 मिनट तक लेटे रहें। यह नेति शरीर पर मौसम के बदलाव के असर को कम करती है। इससे स्ट्रेस और आंखों की थकान दूर होती है।
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डिटोक्स योर इनर बॉडी सिस्टम
– दो चम्मच जिंजर जूस में एक चम्मच प्योर हनी मिलाकर दिन में दो बार लें
– एक कप गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर लें
– पानी में ४० पीस किशमिश उबालें और उसमें काली मिची डालें, यह लेने से भी श्वास संबंधी बीमारियां दूर होंगी
– शुगर रिलेटिड जंक फूड से दूर रहे। सीजन फ्रूट्स, फ्रेश वेजिटेबल्स, गार्लिक, रेड ऑनियन और दालचीनी शरीर को किसी भी तरह की डिजीज से बचाते हैं।
– दिन में गुनगुना पानी पीएं, उसमें नींबू का जूस भी मिला सकते हैं।
– गर्म पानी से गरारे करें
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सलाह
यहां योग और घरेलू तरीकों के जरिए इम्यूनिटी बढ़ाने की जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह के मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं है। यदि आपको कोविड-19 से जुड़े कोई भी लक्षण नजर आते हैं,तो तुरंत डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।

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