जयपुर. राजस्थान फोरम की ऑनलाइन सीरीज ‘सुमिरन’ के तहत मंगलवार को जयपुर घराने की युवा कथक नृत्यांगना झंकृति जैन ने प्रस्तुति दी। सीरीज की १७वीं कड़ी में कथक नृत्यगुरु शशि सांखला की शिष्या झंकृति ने कथक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए ऑडियंस को आध्यात्मिक अनुभूति करवाई। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने आचार्य नन्दिकेश्वर रचित शिव वंदना ‘आंगिकम् भुवनम् यस्य’ से किया। इस रचना के जरिए अभिनय की चार शैलियों का वर्णन किया गया। इसके बाद जयपुर घराने के शुद्ध नृत्तपक्ष को दर्शाते हुए ताल तीन ताल में पेशकार, ठाट, उठान, चाल, 27 चक्कर की परन जुड़ी आमद, बेदम व चक्करदार तिहाइयां, सादा परन, चकरदार परन, फरमाइशी चकरदार परनें व लड़ी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में उन्होंने द्रुत लय में भाव पक्ष दर्शाते हुए घूंघट की गत, रामायण के प्रसंग सीताहरण पर आधारित गतभाव को बड़े सुंदर ढंग से दर्शाया। उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मैसेज से जुड़े भावों को भी इस प्रस्तुति के जरिए दर्शाया। प्रस्तुति का समापन 21 चक्कर के तोड़े व पांव के काम से किया। फोरम की १८वीं कड़ी में यंग सिंगर रोहित कटारिया २१ मई को प्रस्तुति देंगे। यह प्रस्तुति राजस्थान फोरम के फेसबुक पेज पर आयोजित होगी।