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जयपुर की मिट्टी ने मुझे आशीर्वाद दिया है

शहर आए सिंगर सुखविंदर सिंह ने शेयर किए अनुभव, हनी सिंह के सॉन्ग ‘मखना’ पर उठाए सवाल, कहा आठ साल से म्यूजिक पर सेंसरशिप लगाने की बात कह रहा हूं, पिंकसिटी पहुंचते ही हनुमान मंदिर में दर्शन किए, फिर छोले कुल्चे का स्वाद चखा

Jul 17, 2019 / 08:52 pm

Anurag Trivedi

sukhvindra singh

sukhvindra singh

जयपुर. ‘संगीत का मक्का वियाना को माना जाता है, यहां से कई म्यूजिक फॉर्मेट बने हैं। मेरा यहां दो-तीन बार जाना हुआ और मुझे जानने की उत्सुकता हुई कि यहां म्यूजिक ऑरिजनली आया कहां से है। लोगों से बात करने के बाद पता लगा कि पंजाब, राजस्थान और कच्छ के लोग कई साल पहले वियाना बसे थे और यह वही म्यूजिक है, जो हमारी परम्पराओं से आता है। इंडिया की इन जगहों से जाने वाले लोगों की संख्या उस वक्त ६० प्रतिशत थी, ऐसे में वियाना की म्यूजिक हिस्ट्री सही मायने में इंडिया के फोक और क्लासिकल वाली ही है। इस बात को सभी को मानना भी चाहिए।’ यह कहना है, बॉलीवुड सिंगर सुखविंदर सिंह का। कूकस स्थित होटल फेयरमॉन्ट में एक कॉन्सर्ट के लिए आए सुखविंदर ने पत्रिका प्लस से बात करते हुए कहा कि राजस्थान आने वाला पर्यटक यहां के फोर्ट और इमारतों को ही देखने नहीं आते, यहां का म्यूजिक डांस भी टूरिस्ट्स को जोडऩे का काम करता है।
सुखविंदर दोपहर जयपुर एयरपोर्ट से निकलने के बाद सीधे दिल्ली बायपास स्थित हनुमान मंदिर गए और वहां से आमेर में स्ट्रीट पर छोले-कुल्चे खाने के बाद होटल पहुंचे। गाड़ी से नंगे पैर उतरकर वे रूम में पहुंचे। उन्होंने बताया कि जयपुर के मंदिर की मिट्टी को मैं अपने रूम तक लेकर आना चाहता था, ऐसे में मैंने शूज नहीं पहने। यहां की मिट्टी ने मुझे आशीर्वाद दिया है और आगे बढऩे के लिए हिम्मत दी है।
म्यूजिक में अपशब्द शामिल नहीं होने चाहिए

उन्होंने कहा कि मैं पिछले आठ साल से कह रहा हूं कि म्यूजिक में भी सेंसरशिप होनी चाहिए। लोग एंटरटेनमेंट के लिए अपशब्दों को गानों में शामिल कर रहे हैं, जो सरासर गलत है। हनी के म्यूजिक वीडियो ‘मखना’ पर सवाल उठना लाजमी है, हम ही इस पर बात नहीं करेंगे तो कौन करेगा? मैंने चाइल्ड लेबर पर एक वीडियो बनाया था और उसे भी सेंसर करवाया था, एेसे में यह वीडियो कैसे बच गया। मैंने जिसका वीडियो बनाया था, वो बच्चा बहुत साल पहले मेरे स्टूडियो में चाय लेकर आया था, मैंने उस बच्चे का काम छुड़वाया और बांसुरी थमा दी। हालांकि वह बांसुरी तो नहीं बजा पाया, लेकिन आज वो इंडिया के बेस्ट ड्रमर में एक है।
एआर रहमान मेरे गॉडफादर

सुखविंदर ने कहा कि एआर रहमान मेरे मेंटोर है, उन्होंने मुझे बॉलीवुड में लॉन्च किया। अपने संस्कारों में कहते हैं कि घर पर कोई खाने का डिब्बा लाता है तो हम कभी उसे खाली वापस नहीं करते। रहमान ने मुझे ‘छैयां छैयां’ सॉन्ग के जरिए दूध का कटोरा दिया था, जिसे मैंने ‘जय हो’ सॉन्ग के जरिए खीर के रूप में वापस किया। इस सॉन्ग ने न केवल मुझे इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई, बल्कि रहमान को ऑस्कर तक पहुंचाया। रहमान ही है, जिन्होंने मुझे इस बिजनेस वल्र्ड में आगे बढऩा सिखाया है।
कॉमनवेल्थ गुलाम देशों के लिए, अब मैं दूर हो गया

उन्होंने कहाकि ‘कॉमनवेल्थ’ शब्द के बारे में जब मुझे जानकारी मिली कि यह गुलाम देशों के लिए ब्रिटिश देश आयोजन करता है, तब से मैंने इससे दूरी बना ली। इस आयोजन के लिए तीन बार मुझे बुलाया गया, लेकिन मैं नहीं गया। मैं आजाद देश का निवासी हूं और जिस देश को आजाद करवाने के लिए लोगों ने शहादत दी है, मैं फिर से कैसे गुलाम देश के रूप में इससे जुड़ जाउं।

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