1989 में हो चुका है शिलान्यास दरअसल, मंदिर निर्माण के लिए ‘शिलान्यास’ कार्यक्रम नवंबर 1989 में हो चुका है। ऐसे में ये भी संभावना है कि इस बार शिलान्यास कार्यक्रम न हो! अगर शिलान्यास कार्यक्रम नहीं होता है तो संभवत: निर्माण पूर्व कार्य मकर संक्रांति से शुरू हो जाए और विधिवत मंदिर निर्माण कार्य ‘राम नवमी’ के दिन!
मंदिर निमार्ण के लिए 1.25 लाख घन फुट पत्थर की नक्काशी की गई है बताया जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के पूर्ण निमार्ण के लिए अब तक 1.25 लाख घन फुट पत्थर की नक्काशी की गई है और पूरे मंदिर के निमार्ण के लिए 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता है। यही नहीं, बताया जा रहा है कि प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार की गई डिजाइन पर ही मंदिर निर्माण किया जाएगा! चंद्रकांत सोमपुरा ने राम मंदिर का डिजाइन 1989 में ही की थी, जिसका मॉडल अयोध्या के कारसेवकपुरम में रखा गया है।
मंदिर निर्माण में लगेंगे 4 साल! बताया जा रहा है कि प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार की गई डिजाइन पर अगर राम मंदिर निर्माण शुरू किया जाता है तो इसको बनने में लगभग चार साल लग सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो अयोध्या में राम मंदिर 2024 के अम चुनाव से पहले तैयार हो जाएगा।