पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि १० अक्टूबर से गुरु अस्त हो जाएंगे। इसके बाद ३१ अक्टूबर को देव प्रबोधिनी एकादशी से देव जागेंगे। इस दिन स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेगा। आगामी ११ नवंबर को गुरु उदय होने के बाद विवाह शुरू होंगे लेकिन पहला सावा १९ नवंबर का रहेगा।
इसके बाद १४ दिसम्बर से मलमास लगेगा। १४ जनवरी को मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास खत्म हो जाएगा लेकिन शुक्र अस्त हो जाएगा। शुक्र एक दिन पहले १३ तारीख को ही मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा।
नवंबर – १९, २३, २८, २९, ३०
दिसम्बर – १, ३, ४, १०, ११, १३
फरवरी २०१८ – ६, ७, १७, २०
मार्च २०१८ – ३, ६, ८
देव प्रबोधिनी एकादशी – ३१ अक्टूबर
बसंत पंचमी – २२ जनवरी ऐसे में इस बार विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्त कम ही बन पा रहे हैं। हालांकि अन्य शुभ कार्य यथा हवन, पूजन, गृह प्रवेश आदि कार्य करने के लिए अच्छे मुहूर्त बन रहे हैं। इसमें भी मलमास होने के चलते कई अच्छे मुहूर्त टाले जाएंगे। मलमास के बाद एक बार फिर से शुभ कार्य किए जा सकेंगे। इस समयावधि के दौरान अति आवश्यकता होने पर विद्वान पंड़ितों के साथ विचार-विमर्श कर कार्य किए जा सकते हैं।