चार साल की है अफीफा
अफीफा नूरी की इस कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी का माहोल है। अफीफा नूरी के पिता चांद मोहम्मद क़ादरी ने बताया कि अफीफा नूरी ने बड़ी महनत करके कुरान पढ़ा है। उन्होंने बताया कि हुजू़र सल्लाहो अलैहिस्सलाम ने फरमाया कि अपने बच्चों को तीन चीजों का ज्ञान सिखाओं, पहला पैगम्बरे इस्लाम से मोहब्बत करना, दूसरा अहले बैत से मोहब्बत करना और तीसरा कुरान पढ़ना। इस मौके पर मुफ्ती नूर मोहम्मद हसनी क़ादरी ने बताया कि कुरान अल्लाह का मुकद्स कलाम है, इसी फिक्र के तहत अफीफा नूरी की वालिदा (माता) आलिमा फ़ाजिला रिफत जुलैखा ने शरूवात के ही दिनों से अफीफा नूरी की तालीम व तरबियत शुरू कर दी थी। मुफ्ती नूर मोहम्मद हसनी कादरी ने कहा कि माँ-बाप को चाहिये कि वो अपने बच्चों को कुरान की तालीम दे और अच्छे संस्कार सिखाएं। मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने बताया कि जिस घर मे अच्छी तालीम और नेक माँ बाप हो वो घर तहज़ीब और इंसानियत कि यूनिवर्सिटी से कम नहीं। उन्होंने बताया कि औरतें और लड़कियां किसी की सल्तनत नही बल्कि वह इस्लाम की रानियां और शहज़ादियाँ होती हैं। बच्चों को दीनी तालीम के साथ दुनियाबी तालीम भी देना बेहद जरूरी है। कार्यक्रम के अंत में मुल्क के अमनो अमन के लिये दुआ की गई।