दूर-दूर से पेड़ पर नाम लिखने आते हैं लोग पेड़ पर गुदे यह नाम किसी प्रेमी प्रेमिका के नहीं बल्कि यह नाम उन लोगों के हैं जो जीवित हैं। नाम मिटते ही समझ लिया जाता है कि वह व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं रहा। यह कहानी पीलीभीत जिले के गांव दियूरिया की है इस अजीबो गरीब पेड़ का रहस्य कोई नहीं जान पाया है क्योंकि इसके पीछे एक अद्भूत कहानी है। लोग दूर दराज से यहां आकर पेड़ पर अपना नाम लिख जाते हैं और वह जहां भी हो जब तक जिन्दा रहेगा तब तक पेड़ पर लिखा नाम सलामत रहेगा। उसके मरते ही इस पेड़ से नाम गायब हो जायेगा।
सदियों पहले एक साधू ने लगाया था पेड़ गांवों वालों का कहना है कि यह पेड़ काफी पुराना है, जिसे किसी साधू ने लगाया था। पेड़ और मौत का संबंध बताया जा रहा है उस बात पर भले ही विश्वास न हो लेकिन इस गांव का हर व्यक्ति इस बात का गवाह है। यहां के लोग इस पेड़ पर अपना नाम तो लिख जाते हैं लेकिन मृत्यु के बाद उनके परिजन या दोस्त जब देखने जाते हैं तो नाम स्वत: गायब हो जाता है।
500 साल पुराना है यह पेड़ पेड़ की जड़ से लेकर शाखाओं तक उर्दू, हिन्दी और इंगलिश में लिखे यह नाम इस रहस्य का सबूत हैं, इस 500 साल पुराने पेड़ के बारे में विशेषज्ञ भी अचंभित हैं। लेकिन जीता जागता यह अजूबा किसी चमत्कार से कम नहीं, पूरे पेड़ पर गुदे यह नाम इस बात की गवाही दे रहे हैं।