पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज से महज 300 मीटर की दूरी गांव खरगापुर का रहने वाला बबलू सरकार खेत में पेड़ काट रहा था। मृतक के रिश्तेदार राजकुमार सरकार ने बताया कि बबलू ने गांव के नेता सरकार से यूकेलिप्टिस के दो पेड़ खरीदे थे। सोमवार को बबलू उन पेड़ों को काट रहा था तभी गन्ने के खेत में बैठे बाघ ने उस पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने शोर मचाकर बाघ को भगाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीण उसके शव को गांव लेकर आए।
घटना की खबर मिलते ही एसडीएम सदर पूर्णिमा सिंह कई थानों की पुलिस लेकर गांव में पहुंच गई। किसान की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने उसके शव को काफी देर तक उठने नहीं दिया। एसडीएम के काफी समझाने पर ग्रामीण माने। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। एसडीएम ने मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपए मदद का ऐलान किया है। वहीं ग्रामीणों ने बाघों से सुरक्षा की मांग की है।
गौरतलब है पीलीभीत जिले में इस साल अब तक बाघ हमलों में 15 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। जिससे टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में दहशत का माहौल है। आलम ये है कि यहां के किसान अपने खेतों में जाने से डर रहे हैं। वहीं वन विभाग की ओर से अब तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।