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पीलीभीत

इंदिरा ने बसाया था, 50 सालों से मांग रहे अपना हक़

बंगलादेशी परिवार आज भी मूलभूत सुविधाओं से है महरूम
50 सालों से मांग रहे हैं अपना हक़
ना मिली जमीन और ना मिली नागरिक्ता

पीलीभीतJan 17, 2019 / 10:07 am

suchita mishra

chandiya

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पीलीभीत। पाकिस्तान-बंगलादेश विभाजन के बाद सन 1971 में भारत की प्रधानमंत्री स्व0 इंदिरा गांधी ने बंगलादेश से आए बंगाली समुदाय के परिवारों को शारदा नदी के किनारे इन लोगों बसाया था। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 इंदिरा गांधी ने बंगलादेश से आए करीब 300 परिवारों को 3-3 एकड़ भूमि व 115 परिवारों को 2.5-2.5 एकड़ कृषि भूमि आवंटित कर पट्टा देते हुए इन्हें मालिकाना हक दिया था। लेकिन यह परिवार आज भी नागरिकता व मूलभूत को आज भी तरस रहे हैं। इनके पास भारत देश में भूमि है व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है लेकिन नागरिकता इनके पास नहीं है।

यह है पूरा मामला
वर्ष 1969 से 1970 के बीच भारत सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान वर्तमान बांग्लादेश से 115 विस्थापित परिवारों को लाकर सर्वप्रथम ट्रांजिट कैंप रूद्रपुर वर्तमान उत्तराखंड में बसाया था। इसके पश्चात उन लोगों को जनपद पीलीभीत तहसील पूरनपुर ग्राम चंदिया हजारा में सन 1976 में 300 परिवारों को 33 एकड़ कृषि भूमि एवं 115 परिवारों को 2.5-2.5 एकड़ कृषि भूमि एवं 12 डिसमिल की आवासीय भूमि देकर बसाया था। इसके पश्चात उन लोगों के साथ आए हुए लोगों को पट्टा मालिकाना हक दिया गया था। पीलीभीत जिले के कई गांव की तहसीलों में दर्ज किया गया था। परंतु 415 विस्थापित परिवारों का नाम केवल पुनर्वास विभाग ने एक प्रमाण पत्र पर ही जारी किया। जिनका केवल 3 एकड़ एवं 2.5 एकड़ भूमि देकर पुनर्वास किया जा रहा है। लेकिन आज तक कृषि भूमि का मालिकाना हक इन लोगों को प्राप्त नहीं हुआ है। इसी बात को लेकर आज समस्त 415 विस्थापित परिवारों ने जिला अधिकारी पीलीभीत को ज्ञापन देकर उक्त जमीन के मालिकाना हक दिए जाने की मांग की है। वहीं पूरे मामले में नायब तहसीलदार अनुराग सिंह ने जांच के बाद इन ग्रामीणों को उनका हक़ दिलाने की बात कही है।

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