चर्चा है कि वरुण गाँधी इस बार पीलीभीत संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। वे अपना निर्वाचन क्षेत्र सुल्तानपुर छोड़कर पीलीभीत आ रहे है। पीलीभीत में वह पहली बार भड़काऊ भाषण देकर चुनाव जीते थे। वरुण गाँधी की यह खासियत रही है कि वह हमेशा कुछ न कुछ ऐसा करते हैं जिससे कि चुनाव में लाभ मिले। माना जा रहा है कि वरुण गाँधी की भारतीय जनता पार्टी से अनबन है। उन्हें 2014 के बाद से कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है। इसी कारण वे गांधी परिवार के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली सीट पीलीभीत से चुनाव लड़कर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। अगर वरुण गांधी भाजपा छोड़ते हैं तो मेनका गांधी का टिकट कट सकता है। कयास लगाया जा रहा है कि वरुण गांधी की पत्नी लखीमपुर खीरी या पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ सकती हैं।
आपको बता दें कि वरुण गांधी ने मुस्लिम समाज के खिलाफ इतने अपशब्द बोले थे कि उन्हें जेल काटना पड़ी थी। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) भी लगाया गया था। वरुण गाँधी, संजय गाँधी और मेनका गंधी के पुत्र हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के चचेरे भाई हैं। भड़काऊ भाषण देने पर वरुण गांधी के खिलाफ मुकदमा मायावती सरकार में लिखा गया था। वरुण गांधी के रुतबे आगे उनके खिलाफ सभी गवाहों ने अखिलेश सरकार में अपने बयान बदल दिए थे। इसके चलते साफ तौर पर बरी हो गए थे।