यह थी घटना
थाना न्यूरिया के एक गांव से 31 दिसंबर को गांव का ही एक युवक पर किशोरी के अपहरण का आरोप लगा था। किशोरी की मां ने थाना न्यूरिया में युवक अजय सहित चार लोगों के खिलाफ तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नौ जनवरी को ही किशोरी को बरामद कर लिया था। किशोरी की मां ने 18 जनवरी को पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर एक प्रार्थनापत्र दिया था कि न्यूरिया पुलिस ने उसकी पुत्री को न्यायालय में पेश नहीं किया और न ही उसका मेडिकल कराया। मां का यह भी आरोप था कि पुलिस दबाव बना रही है कि पुत्री आरोपियों के पक्ष में बयान दें। उनका आरोप था कि न्यूरिया पुलिस आरोपियों से मिली है, क्योंकि आरोपी काफी पैसे वाले है। किशोरी की मां का यह भी कहना है कि जब वह न्यूरिया पुलिस से मिली और किशोरी का न्यायालय में पेश करने का आग्रह किया तो पुलिस का कहना था कि जब उनकी मर्जी होगी तब वह कोर्ट में पेश करेंगे।
ये बोले एसपी
18 जनवरी को किशोरी के परिजनों के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर के समक्ष पेश होने के बाद न्यूरिया थाना पुलिस ने किशोरी का मेडिकल कराकर बयान दर्ज करवाए। लेकिन जब मीडिया ने पुलिस अधीक्षक से सवाल पूछा तो वो बोले कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में ही नहीं है।