ऐसे पूरी करी पढ़ाई
जिले की अमरिया तहसील गांव बरादुनवा के रहने वाले मोहम्मद कमाल पेशे से किसान है थोडी बहुत ज़मीन पर खेती कर वो अपने परिवार को पालते थे। इस किसान के घर एक बिटिया पैदा हुयी जिसका नाम माता-पिता ने बढे़ प्यार से बुशरा रखा। बचपन से ही बुशरा को पढ़ने लिखने का बहुत शौक़ था। प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल से करने के बाद गांव के पास के ही एक निजी स्कूल से हाईस्कूल पास किया। इसके बाद पीलीभीत शहर आकर यहां के कन्या इंटर कालेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। बेटी की पढ़ाई में लगन देखकर माता-पिता ने अपनी लाड़ली के अरमान पूरा करने की ठान ली और लखनऊ आगे की पढ़ाई करने के लिए भेज दिया। बुशरा ने लखनऊ के करामत यूनिवर्सिटी से बीए पास किया और उसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री हासिल की।
2015 में मिली सफलता उत्तराखंड पीसीएस (जे) में किया टाप
बुशरा की मेहनत रंग लाई और इस देश की बेटियों के लिए एक मिसाल कायम कर दी। वर्ष 2012 में सबसे पहले छत्तीसगढ़ पीसीएस (जे) के अंडर जनरल कैटेगरी में चौथी रैंक हासिल हुई, छत्तीसगढ़ में ज्वाइन करने के बाद अपनी आगे की तैयारी जारी रखा, वर्ष 2014-15 में बुशरा ने इतिहास रच दिया उत्तराखंड पीसीएस (जे) के अंडर जनरल कैटेगरी में टॉप कर यह बता दिया की कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती हैं, बस हौसला बुलंद होना चाहिए। इसके साथ ही पीलीभीत में मानो युवा पीढ़ी की बुशरा रोल मॉडल बन गई बुशरा ने ना सिर्फ अपने लिए बल्कि तमाम उन लड़कियों के लिए एक मिसाल पेश कर दी जो आगे पढ़ना लिखना चाहती है और बता दिया कि लड़कियां किसी से कम नहीं होती। बुशरा को उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में सिविल जज के पद पर तैनाती मिली है और उनकी शादी हो चुकी हैं। बुशरा के परिवार में माता-पिता के अलावा दो बहनें व एक भाई है।