scriptसांवेर: महोत्सव के लिए दुल्हन जैसा सजने लगा लालबाग में अयोध्याधाम | Sanwer: Ayodhyadham in Lalbagh began to dress like a bride for the fes | Patrika News
पीथमपुर

सांवेर: महोत्सव के लिए दुल्हन जैसा सजने लगा लालबाग में अयोध्याधाम

युवाओं ने निकाली वाहन रैली, आज जैन महिला मंडल की कलश यात्रा

पीथमपुरMay 06, 2022 / 12:28 am

Shailendra shirsath

सांवेर: महोत्सव के लिए दुल्हन जैसा सजने लगा लालबाग में अयोध्याधाम

सांवेर: महोत्सव के लिए दुल्हन जैसा सजने लगा लालबाग में अयोध्याधाम

सांवेर. २०० साल पहले सांवेर में जैन श्वेतांबर समाज के जिनालय का निर्माण हुआ था। अब उसी स्थान पर मकराणा मार्बल का नवीन जिनालय आकार ले चुका है, जिसमें प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ऋषभदेव की प्राचीन प्रतिमा के साथ ही अब गर्भगृह में तीर्थंकर विमलनाथ प्रभु, नेमीनाथ प्रभु, नेमीनाथ प्रभु, पाश्र्वनाथ प्रभु और अभिनंदन स्वामी की प्रतिमाएं भी प्रतिष्ठापित की जा रही हैं। इसी के निमित्त अंजनश्लाका प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजन हो रहा है। चूंकि भगवान आदिनाथ का जन्म अयोध्या में हुआ था इसलिए महोत्सव के आयोजन स्थल लालबाग का नाम भी अयोध्या रखा गया है, जो दुल्हन की तरह सज-धजकर आकर ले रहा है। सांवेर नगर में जिन आचार्यश्री के निर्देशानुसार सांवेर में नवीन आदिनाथ जैन मंदिर और उपाश्रय का नवनिर्माण होकर शुक्रवार से सात दिवसीय अतिभव्य अंजनश्लाका प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हो रहा है, उन आचार्य जितरत्नसागर ुसुरिश्वरजी महाराज साहब समेत भीष्म तपस्वी आचार्य चंद्ररत्नसागर सुरिश्वरजी महाराज ने नव उद्घाटित उपाश्रय में स्थानीय पत्रकारों को सांवेर में नवीन जिनालय के निर्माण की आधारशिला रखे जाने से लेकर निर्माण पूर्ण होकर अंजनश्लाका प्रतिष्ठा महोत्सव के आयोजन और इसके संपन्न होने तक की संपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि करीब सवा करोड़ रुपए की लागत से बने मकराणा मार्बल के नवीन मंदिर के साथ जो उपाश्रय का निर्माण हुआ है, उसमें भगवान आदिनाथ का पुनप्र्रतिष्ठापित होना एक ऐतिहासिक काल है। स्थानीय जैन श्वेतांबर श्रीसंघ की अगुआई में शुक्रवार से आगामी 12 मई तक आयोजित भव्य अंजनश्लाका प्रतिष्ठा महोत्सव भी ऐतिहासिक ही होने जा रहा है। आचार्यश्री ने कहा कि महोत्सव के तहत 11 मई को नगर में मूलनायक भगवान आदिनाथ प्रभु की 200 साल प्राचीन प्रतिमा का ऐतिहासिक वरघोड़ा निकलेगा। यह अपने आप में अनुपम होगा क्योंकि जैन परंपरा में प्राचीन प्रतिष्ठापित हुई प्रतिमा का वरघोड़ा नहीं निकाला जाता है। 12 मई को मुख्य आयोजन मंदिर में प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, इसी दिन सांवेर के इतिहास में पहली बार नगरभोज का आयोजन होने जा रहा है। शुक्रवार से 12 मई तक मंदिर और आयोजन स्थल अयोध्याधाम में प्रात: से लेकर रात्रिकाल तक आदिनाथ प्रभु के जन्म कल्याणक से लेकर दीक्षा तक के पूरे जीवन वृत पर आधारित कार्यक्रम होंगे। आयोजन में देश-प्रदेश की कई जैन हस्तियां, राजनेता और समाजसेवी का भी आगमन होगा। आचार्यश्री ने कहा कि यह आयोजन सांवेर का गौरव बढ़ाने वाला होगा इसलिए यह सांवेर के जैन समाज का ही नहीं है बल्कि नगर के हर समाज के हर व्यक्ति का है। अलग-अलग समाज के कई समाजसेवी सज्जनों का सहयोग भी आगे होकर मिल रहा है। शासन-प्रशासन और नगर परिषद के भी वांछित सहयोग मिल रहा है।
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