इससे पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सांसदों के इस्तीफे के फैसले को 29 मई को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था। लेकिन बुधवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। गौरतलब है कि कि वाइएसआर कांग्रेस के पांच सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने अपना इस्तीफा दिया और स्वीकार करने का दबाव भी बनाया था। इन सांसदों ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के कारण लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा था।
वाईएसआर कांग्रेस संसदीय दल के नेता मेकपति राजामोहन रेड्डी ने कहा कि हम अपनी मर्जी से अपना इस्तीफा दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के पास ऐसी कोई वजह नहीं है कि वो इसे अस्वीकार करें।
जगन मोहनः आंध्र प्रदेश में नायडू की भूख हड़ताल जनता के साथ धोखा बता दें कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों ने आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा देने में विफल रहने के लिए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जारी किया था।
मेकपति राजामोहन रेड्डी ने बताया कि उनके सांसदों ने 6 अप्रैल को ही इस्तीफा दे दिया था। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने तब उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था और लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें पुनिर्विचार के लिए कहा था।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए मेकपति राजामोहन रेड्डी ने कहा कि इस्तीफा उचित प्रारूप में सौंपा गया है। उपचुनाव कराने में अभी काफी समय बचा है। हम चुनाव भी लड़ेंगे और आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य के दर्जा की अपनी मांग को जारी रखेंगे।