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फ्लोर टेस्‍ट तय होने के बाद ‘ऑपरेशन विधायक बचाओ’ में जुटी कांग्रेस-जेडीएस की टीम

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सभी राजनीतिक दलों की नजर अब फ्लोर टेस्‍ट के दौरान दमखम दिखाने की है।

नई दिल्लीMay 18, 2018 / 03:32 pm

Dhirendra

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नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक तरफ 28 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्‍ट की तैयारी शुरू हो गई है तो दूसरी तरफ कांग्रेस-जेडीएस की टीम ऑपरेशन विधायक बचाओ अभियान में जुट गई है। ताकि फ्लोर टेस्‍ट के दौरान अपने पक्ष में ज्‍यादा से ज्‍यादा विधायकों का समर्थन हासिल कर येदियुरप्‍पा को मात देना संभव हो सके। आपको बता दें कि भाजपा के एक के बाद एक दावों से दोनों दलों को इस बात की आशंका है कि कहीं पार्टी के विधायक ऐन मौके पर पासा न बदल लें। विधायकों के टूटने के डर से दोनों दलों ने अपने-अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है।
बाउंसर्स के पहरे में है विधायक

इससे पहले गुरुवार दोपहर में कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को एयरकंडीशंड बसों में विधानसभा लाया गया था जिससे वे शपथ ग्रहण के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो सकें। इसके बाद दो बजे के करीब कांग्रेस के विधायक बेंगलुरु-मैसूर रोड पर ईगलटन रिजॉर्ट भेज दिए गए। जेडीएस के विधायक शहर के नामचीन शांगरी-ला होटल में ठहरे हुए हैं। इतना ही नहीं विधायकों की सुरक्षा के लिए दोनों ही पार्टियों ने प्राइवेट सिक्योरिटी और बाउंसर्स तक तैनात कर दिए हैं ताकि कोई बाहरी व्‍यक्ति वहां तक पहुंच न सके।
कांग्रेस विधायक के भागने की फैली अफवाह

कांग्रेस कैंप में खलबली उस समय मच गई जब यह अफवाह फैल गई कि एक विधायक बिना किसी को बताए अपनी गाड़ी में बैठकर रिजॉर्ट से शहर की तरफ चले गए हैं। हड़कंप मचने की वजह ये है कि कांग्रेस के एक विधायक आनंद सिंह पहले से ही लापता हैं। लेकिन करीब दो घंटे बाद पता चला कि विधायक को फीवर हो गया था। वे अपने निजी डॉक्टर के पास चेकअप के लिए चल गए थे। उनके रिजॉर्ट लौटने के बाद कांग्रेस पार्टी ने चैन की सांस ली। सूचना ये भी है कि रिजॉर्ट पर विधायकों के परिवारवालों ने दस्तक देनी शुरू कर दी थी जिससे कांग्रेस के लिए अलग समस्‍या उठ खड़ी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार को शाम के समय एक विधायक के भतीजे के एक आलीशान गाड़ी में बैठकर रिजॉर्ट पर पहुंचने के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई। यह स्थिति विधायक के भतीजे को प्राइवेट गार्ड्स द्वारा अंदर जाने से रोकने की वजह से हुई। इतना ही नहीं गुरुवार देर शाम ये खबर फैल गई कि विधायकों को कोच्चि भेजा जा रहा है। इन्‍हें तीन प्राइवेट चार्टर्ड प्लेनों से वहां ले जाने की भी खबर उड़ रही थी।
क्‍या होता है फ्लोर टेस्‍ट

नई सरकार द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित करने की प्रक्रिया को फ्लोर टेस्‍ट कहते हैं। फ्लोर टेस्‍ट तीन तरह का होता है। पहला ध्वनिमत से, दूसरा संख्याबल के आधार पर और तीसरा हस्ताक्षर के जरिए मतदान दिखाया जाता है। इससे यह पता चलता है कि नवगठित सरकार के पास बहुमत है या नहीं।

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