दरअसल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने शनिवार को ही एन. चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित आवास ‘प्रजा वेदिका’ को अपने कब्जे में ले लिया था। सोमवार को मुख्यमंत्री की ओर से इस भवन को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया गया। उधर तेलुगू देशम पार्टी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया।
आपको बता दें कि आंध प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पिछले दिनों ‘प्रजा वेदिका’ को नेता प्रतिपक्ष का सरकारी आवास घोषित किए जाने की मांग कर चुके हैं। नायडू ने इस संबंध में सीएम जगह मोहन रेड्डी को पत्र भी लिखा था। लेकिन सरकार ने उनकी इस मांग को खारिज कर दी और इस भवन मे कलेक्टरों की बैठकें करने का आदेश दिया था।
गलत रवैये का आरोप
विपक्ष ने सरकार पर गलत रैवेये का आरोप भी लगाया है। विपक्ष का कहना है कि वाईएसआर कांग्रेस की ओर से प्रजा वेदिका को जब शनिवार को कब्जा किया गया तब पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखाई गई, क्योंकि उनके सामानों को अमरावती के उंदावल्ली घर के बाहर फेंक दिया गया।
– सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी समानों को बाहर फेंका
– परिसर को कब्जे में लेने के निर्णय के बारे में पार्टी को बताया तक नहीं गया ये भी पढ़ेंः झारखंड मॉब लिंचिंग पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, भाजपा सरकार को ठहराया जिम्मेदार
पांच करोड़ की लागत में बना था
पांच करोड़ रुपए की लागत से बने ‘प्रजा वेदिका’ का इस्तेमाल पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू के आधिकारिक कार्यों के साथ ही टीडीपी की बैठकों के लिए भी किया जाता था। आपको बता दें कि ‘प्रजा वेदिका’ का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के जरिये तात्कालीन मुख्यमंत्री आवास के तौर पर किया था।