इसी साल तृणमूल कांग्रेस पार्टी से अलग होने वाले बाईचुंग भूटिया ने बताया कि जो काम वह बंगाल में नहीं कर पाए वह अब सिक्किम में करेंगे। बाईचुंग भूटिया के अनुसार, “यह मेरी पार्टी नहीं है। मैं सिर्फ एक सदस्य हूं। कुछ दोस्त, नए और कुछ अनुभवी लोगों को लेकर नई पार्टी शुरू करने जा रहे हैं। सिक्किम में इसकी लॉन्चिंग 2-3 महीने बाद करेंगे। बंगाल में चुनाव लड़ने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया था। जो मैं बंगाल में नहीं कर पाया है। वह अब सिक्किम में करूंगा। भूटिया इस बार अपना पूरा ध्यान अपने गृह राज्य सिक्किम पर लगाना चाहते हैं।
सिक्किम में करीब 24 साल से पवन कुमार चामलिंग मुख्यमंत्री हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप सीएम चामलिंग को चुनौती देने जा रहे हैं ? उनका जवाब था कि सिक्किम में चामलिंग सरकार ने काम तो किया ही है तभी तो इतने साल से वह सत्ता पर काबिज हैं लेकिन सिक्किम से उनके अलावा कोई और नेता निकल कर सामने नहीं आ रहा हैं। भूटिया ने मुताबिक, ” वह युवाओं को भी अपनी पार्टी में मौका देंगे।
बाईचुंग भूटिया ने पत्रिका के चेंज मेकर अभियान की भी तारीफ की। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भूटिया ने कहा कि, ” राजनीति में नए लोगों खासकर युवाओं का सामने आना बहुत जरूरी है। मैं खुद सिक्किम में यही सोच कर आया कि वहां 25 साल से एक ही पार्टी और व्यक्ति का राज है। ऐसा नहीं होना चाहिए। बदलाव जरूरी है। ‘पत्रिका’ की मुहिम काफी
दिलचस्प है। युवाओं को इसमें शामिल होना चाहिए। “
भारतीय जनता पार्टी जिस तरीके से पूर्वोत्तर राज्यों में स्थानीय दलों के साथ गठबंधन कर सत्ता पर काबिज हुए है उसको देखकर भूटिया से भी भाजपा के साथ गठबंधन के बारे में पूछा गया। बाईचुंग भूटिया ने कहा कि, ” हम अपनी पार्टी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बाद में क्या स्थितियां रहेंगी, यह बाद की बात है। मगर अभी हम अपनी पार्टी को मजबूत करेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में लड़ेगे। आप को यहां बता दें कि भूटिया ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी के साथ अपना राजनीतिक सफरशुरू किया। दार्जिलिंग में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने साल 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें हार मिली इस साल वह TMC से अलग हुए थे। 32 सदस्यीय वाली सिक्कम विधानसभा के लिए 2019 में मतदान होगा। बाईचिंग भूटिया का पूरा इंटरव्यू आप यहां क्लिक कर सुन सकते हैं