आतंक फैलाने वाले मदरसों पर भी लगे बैन
मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि अगर कश्मीर में मदरसों की मदद आंतकवाद फैलाने का काम चल रहा है, तो इन मदरसों पर भी बैन लगना चाहिए। उन्होंने बांग्लादेश, अफगानिस्तान और अन्य देशों का हवाला देते हुए कहा,’इन देशों में भी अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वाले मदरसों पर बैन लगाया गया है। आपको बता दें कि उनके इस बयान की नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कड़ी आलोचना की।
हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे: मुफ्ती
वहीं, बुधवार को मुफ्ती में जमात-ए-इस्लामी (JIE) पर प्रतिबंध और सदस्यों की गिरफ्तारी के खिलाफ सड़क पर उतरी। मुफ्ती ने अनंतनाग इलाके में अपनी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के जुलूस की अगुवाई की। पीडीपी की प्रमुख ने कहा कि अहले हदीथ से संबंधित जमात मौलवियों और इमामों की गिरफ्तारी हमारे धार्मिक मामलों में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप है। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूर्व सीएम ने सरकार से सभी गिरफ्तार सदस्यों को रिहा करने की मांग की है। साथ ही महबूबा ने कहा कि आप किसी विचारधारा या विचार को बंद करके नहीं रख सकते।
क्यों लगा जमात-ए-इस्लामी पर बैन?
बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार आतंकवाद पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने जमात-ए-इस्लामी को ‘गैरकानूनी’ घोषित कर बैन लगा दिया था। माना जाता है कि घाटी में अलगाववादी विचारधारा और आतंकवादी मानसिकता के बढ़ाने के लिए जमात-ए-इस्लामी प्रमुख जिम्मेदार संगठन है।