2014 की रणनीति पर ही चल रही भाजपा
साल 2014 में जिस तरह सोशल मीडिया के रथ पर सवार होकर भाजपा ने सत्ता का स्वाद चखा था। इस बार भी भाजपा इसी सोशल सहारे से एक बार फिर अपनी सत्ता को कायम रखना चाहती है। निश्चित रूप से भाजपा के पास नरेंद्र मोदी के रूप में बड़ा चेहरा है…लेकिन सोशल मीडिया की ताकत को नजरअंदाज करने की गलती भाजपा कभी नहीं करेगी।
ये अमित शाह की सोशल रणनीति
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक बार फिर खास रणनीति बनाई है। मिशन 2019 के लिए शाह पार्टी वर्कर को शॉर्टलिस्ट कर रहे हैं, इन वर्कर को शॉर्ट लिस्ट करने का आधार होगा सोशल साइट पर उनके फॉलोवर्स की संख्या। जी हां जिन भाजपा वर्कर के सोशल साइट पर 10 हजार या इससे ज्यादा वर्कर होंगे अमित शाह से मिलने का मौका मिलेगा।
350 वर्कर किए शॉर्ट लिस्ट
भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले ऐसे 350 लोगों की पहचान की है जिनके ट्विटर या फेसबुक पर 10,000 से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। सोशल मीडिया पर तकनीक के जानकार पार्टी कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार की उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाने और 2019 में पार्टी के प्रचार-प्रसार का विशेष जिम्मा दिया जा सकता है। अमित शाह एनडीएमसी कनवेश्न सेंटर में ऐसे पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और उन्हें पार्टी की नीतियों और योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम सौंपेंगे।
नए वोटर्स पर रहेगी नजर
भाजपा की नजर सोशल मीडिया जुड़े लोगों और नए वोटर्स पर रहेगी। आपको बता दें कि इस बार करीब पौने दो करोड़ नए मतदाता अपने मतों का इस्तेमाल करेंगे। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष की रणनीति है कि ज्यादा से लोगों तक उनकी पार्टी के किए गए कामों की जानकारी पहुंचे। अमित शाह दिल्ली कार्यालय में आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर खास बैठक करेंगे। इस बैठक के दौरान वो दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार की रणनीति बनाएंगे। इन सीटों पर सभी मौजूदा भाजपा सांसद भी इस मीटिंग में मौजूद रहेंगे।