भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 9 सीटों में से आठ पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसमें हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, बृज लाल, नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, बीएल शर्मा और सीमा द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटें 25 नवंबर को खाली हो रही हैं। इनमें से विधानसभा सीटों की संख्या के आधार पर 9 सीटों पर रिजल्ट तय माना जा रहा है। भाजपा के 8 सीटों और समाजवादी पार्टी के एक सीट पर जीत पक्की है। लेकिन एक सीट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा 9 वीं सीट जीतने की स्थिति में है लेकिन बहुजन समाज पार्टी ( BSP ) के उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए अपनी एक सीट खाली छोड़ी है। इस एक सीट पर बसपा की तरफ से रामजी गौतम ने नामांकन दाखिल किया है, जबकि बसपा के पक्ष में जीतने के समीकरण नहीं हैं।
सपा ने रामगोपाल यादव को बनाया प्रत्याशी
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने एक सीट पर प्रो. रामगोपाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। विधानसभा में सपा के विधायकों की संख्या के आधार पर रामगोपाल की जीत तय है।
समाजवादी पार्टी के पास एक सीट पर जीत के लिए जरूरी वोट से दस वोट अधिक हैं, लेकिन उन्होंने अपने दसवें उम्मीदवार को खड़ा नहीं किया है। वहीं बसपा के पास भी एक सीट पर जीत के लिए जरूरी वोटों की संख्या नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने एक उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
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इसके अलावा भाजपा के पास भी 10वीं सीट पर जीत हासिल करने के लिए जरूरी वोटों की संख्या से कुछ वोट कम है। यदि भाजपा कोशिश करती तो 10वीं सीट पर भी जीत दर्ज कर सकती थी, लेकिन उम्मीदवार खड़े नहीं किए। ऐसे में 10वीं सीट के लिए भाजपा और बीएसपी के बीच गठजोड़ को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयासबाजी तेज हो गई है।
जीत के लिए 36 वोटों की जरूरत
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में मौजूदा सदस्य संख्या के आधार पर जीत के लिए उम्मीदवार को 36 वोटों की आवश्यकता होगी। चूंकि विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं। इनमें से 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। ऐसे में नवंबर में होने वाले राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए हर सदस्य को 36 वोट चाहिए।
भाजपा के पास अपने 306 विधायक हैं, जबकि 9 अपना दल और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, समाजवादी पार्टी के पास 48, कांग्रेस के सात, बसपा के 18 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं।