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राजनीति

फूली तोंद वाले योग का कर रहे हैं नाटक-लालू 

लालू ने मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों, भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं और RSS के पदाधिकारियों पर किया कटाक्ष 

Jun 21, 2015 / 10:33 pm

भूप सिंह

Lalu Prasad Yadav

Lalu Prasad Yadav

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय नेताओं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि फूली तोंद वाले लोग योग का नाटक कर रहे हैं। यादव ने रविवार को माइक्रो ब्लागिंग साइट टि्वटर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारियों की तस्वीर पोस्ट करते हुए उसपर “अंतरराष्ट्रीय तोंद डे” लिखा है।

एक अन्य फोटो “अभ्यासकर्ता और धर्मोपदेशक के बीच अंतर” शीर्षक से पोस्ट की गई है जिसमें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को शीर्षासन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आसन करते दिखाया गया है। इस तस्वीर में मोदी के अधूरे आसन को दिखाते हुए उन्हें ढोंगी तक कहा गया है। इसके साथ ही यादव ने यह भी लिखा है कि प्रतिदिन योग करने का दावा करने वाले को अधूरा नहीं पूरा आसन करना चाहिए। जो कभी नहीं करते वो फोटो के लिए योग करते हैं।

उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा, “भाजपा के अधिकांश राष्ट्रीय नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, आर एस एस के पदाधिकारियों की तोंद फूली हुई है। भाजपा के नेताओं की चर्बी अधिक बढ़ गई है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि यदि ये भाजपाई योग के इतने ही हिमायती होते जितना की ये शोरगुल मचा रहे है, तो इनकी तोंद इतनी नहीं फूलती। योग जैसे व्यक्तिगत मसले को प्रचार-प्रसार की मदद से मोदी सरकार अपना पब्लिक रिलेशन बनाने में जुटी है। यह शरीर को स्वस्थ बनाने का नहीं, राजनीति का योग है। उन्होंने यह भी कहा कि वह योग के विरोधी नहीं हैं, पर लोगों को बेवकूफ बनाने के पाखंड का वह धुर विरोधी हैं।

योग करने वाले अलग ही दिखते हैं। फिर एकदिन के लिए ये सब ढकोसला क्यों। यादव ने कहा, “हमारे देश में करोड़ों लोग भूखे सोते हैं। रिक्शा चलाने वाले और मजदूरों को योग की क्या जरूरत। वह दिन भर शारीरिक श्रम करता है। किसान पूरे दिन कसरत करता है, खेत-खलिहान में पसीना बहाता है। उन गरीबों और कामगार वर्गों को योग की जरूरत नहीं, जो मेहनत की रोटी खाते है। उन्होंने कहा कि जो सुख प्राप्ति का जीवन जी रहा है, पूंजीपतियों को गरीबों का खून चुसवा रहा है, किसानों की जमीन निगल रहा है, वह योग करेगा और करवाएगा।

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